टाइम ट्रैवल की जब भी बात आती है तो अक्सर लोगों में इसे जानने को लेकर उत्सुकता देखने को मिलती है। हालांकि लोग टाइम ट्रैवल को नामुमकिन सा समझते हैं। लेकिन क्या आपने जानते हैं, ग्रेट साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टाइन टाइम ट्रैवल को मानते थे उनका मानना था कि टाइम ट्रैवल किया जा सकता है। हम सभी जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टाइन ने थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी दी थी। अल्बर्ट आइंस्टाइन का यह सिद्धांत ही स्पेस और टाइम को एक साथ लेकर आता है और उन्हें आपस में जोड़ता है।
हालांकि आज भी लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या वाकई में भविष्य में जाया जा सकता है या अपने भूतकाल में जाया जा सकता है? कई लोग मानते हैं कि यह संभव नहीं है हालांकि कई साइंटिस्ट इसपर लंबे समय से खोज भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी स्टडी समय को लेकर ही की गई है। अल्बर्ट आइंस्टाइन की दी गई थ्योरी ने यह साफ किया कि समय अलग अलग हो सकता है।

क्या कहता है अल्बर्ट आइंस्टाइन का सिद्धांत ?
काफी कम लोग यह जानते हैं कि फ्लाइट में लगी घड़ी का समय और धरती का समय अलग अलग होता है। इसमें थोड़ा अंतर होता है। इससे यह भी साबित होता है कि ब्रह्मांड की हर चीज टाइम ट्रैवल करती है। हालांकि हम धरती पर एक ही बराबर से टाइम ट्रैवल करते हैं। लेकिन स्पेस में सभी चीजें अलग अलग तरह से टाइम ट्रैवल करती है। ब्रह्मांड के भी कुछ नियम हैं। बता दें कि भी चीज लाइट की स्पीड से ज्यादा तेज ट्रेवल नहीं कर सकती है। जानकारी दे दें कि लाइट की स्पीड 299792458 मीटर प्रति सेकंड है। यानी एक सेकंड में लाइट इतनी दूरी तय कर लेती है और ब्रह्मांड में इससे तेज कोई भी ट्रेवल नहीं कर सकता है। लेकिन क्या इसका संभव टाइम ट्रैवल से है? क्या कोई टाइम ट्रैवल करके भविष्य में जा सकता है?
क्या टाइम ट्रैवल करना संभव है?
ब्रह्मांड के इस नियम को समझा जाए तो यह तय है कि जितनी तेजी से आप ट्रेवल करेंगे टाइम आपके लिए उतना धीमा होता जाएगा। हालांकि अब तक यह साबित नहीं हो सका है कि टाइम ट्रेबल संभव है। लेकिन अगर टाइम ट्रैवल कभी संभव हो पाया तो इससे जीवन पूरा बदल सकता है। मगर अब तक ऐसी कोई भी रिसर्च साबित नहीं हो सकी है जो इसे सत्य मानने पर मंजूर कर दे। यह हमेशा से ही चर्चा में रहा है कि क्या कभी टाइम ट्रैवल करना संभव हो सकता है।