दुनिया में ऐसे कई छोटे-बड़े आइलैंड मौजूद हैं, जो अपनी मिट्टी, जलवायु और संस्कृति के लिए अलग ही तौर पर पहचाने जाते हैं। कुछ आइलैंड इनमें से ऐसे हैं, जहां केवल जानवरों का वास है, तो कुछ ऐसे भी हैं, जिनमें लोग तो रहते हैं, लेकिन वह बाकि दुनिया के शहरों से काफी अलग होते हैं। उदाहरण के लिए कैरेबियन का सेंट लूसिया हरियाली और समुद्र तटों के लिए जाना जाता है, तो वहीं जापान का ओकिनावा समृद्ध पारंपरिक संस्कृति और समुद्र के किनारे उगती लाल मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है। मालदीव के छोटे-छोटे कोरल आइलैंड्स अपनी नीली झीलों और सफेद रेत के लिए जाने जाते हैं। ठंडी हवाएं, यहां का पारंपरिक सी फूड इन आइलैंड्स को और भी ज्यादा खास बनाती हैं।
यूं तो हर आइलैंड की पहचान किसी ना किसी खासियत के कारण होती है, जिस कारण यह टूरिज्म का भी बड़ा आकर्षण केंद्र बन जाता है। हालांकि, आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी ही आइलैंड के बारे में बताएंगे, जहां आप अपनी फैमिली, फ्रेंड्स या फिर अकेले भी जा सकते हैं। यहां का वातावरण, सुंदरता सहित सबकुछ आपको इतना ज्यादा पसंद आएगा कि यहां से लौटने का मन बिल्कुल भी नहीं करेगा।
टीनोस आइलैंड (Tinos Island)
दरअसल, हम टीनोस आइलैंड की बात कर रहे हैं। यह क्षेत्रफल और आकार में बहुत ही छोटा है, लेकिन यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यहां चारों ओर नीले समुद्र से घिरा यह द्वीप अपने आप में काफी अलग और अनोखा है। यहां सभी के घर सफेद होते हैं, जिसे देखने पर आंखों को अलग ही सुकून मिलता है। यह नजारा ऐसा है कि मानो लोग इसे देखते ही रहते हैं। शोर-शराबे से दूर यह आइलैंड छूट्टी बिताने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।
बता दें कि टीनोस को अक्सर “आइलैंड ऑफ चैपल्स” कहा जाता है, क्योंकि यहां लगभग 1 हजार छोटे-छोटे चर्च मौजूद हैं। इसकी खास बात यह है कि ये चर्च किसी संस्था या सरकार के स्वामित्व में नहीं हैं, बल्कि यह स्थानीय परिवारों के हैं। सफेद रंग के ये चैपल्स जैतून के बागों, अंगूर की बेलों और समुद्र किनारे की चट्टानों के बीच स्थित हैं। यहां घूमते समय आपको हर मोड़ पर नया चर्च दिखता है। यहां हर परिवार साल में एक बार जरुर दीवारों पर सफेदी करवाता है, नीले दरवाजों पर पेंट करता है। साथ ही अंदर रखी पवित्र तस्वीरों की भी सफाई करता है।
फेवरेट डेस्टिनेशन्स में से एक
पर्व-त्योहार पर पूरा गांव एक साथ प्रार्थना करता है, जिससे यहां का माहौल ही अलग हो जाता है। टीनोस की एक और खासियत है कि यहां ग्रीक ऑर्थोडॉक्स और कैथोलिक दोनों परंपराओं के चर्च मौजूद हैं। कई पहाड़ियों पर दोनों तरह के चैपल्स साथ-साथ दिखते हैं, जिनके दरवाजे अलग दिशाओं में खुले होते हैं, जो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगते हैं। अब बात करते हैं पर्यटकों कि तो उन्हें यह आइलैंड उनकी फेवरेट डेस्टिनेशन्स में से एक है। सबसे पहले यह धार्मिक यात्रा का प्रमुख केंद्र है। यहां का Church of Panagia Evangelistria पूरे ग्रीस का प्रमुख तीर्थ स्थल है। हर साल 15 अगस्त को वर्जिन मैरी के पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। दूसरा कारण यहां लोगों को शांति और सुकून मिलता है। यहां घूमने के लिए Santorini और Mykonos जैसी जगहों विश्वभर में प्रसिद्ध है।
स्थानीय बाजार
वहीं, तीसरा कारण लोकल आर्ट और नक्काशी है। आइलैंड के छोटे-छोटे गांव और स्थानीय बाजार में पर्यटकों को हस्तशिल्प, मूर्तिकला और चित्रकला का अनोखा रुप देखने को मिलता है, जो शायद ही दुनिया के किसी भी कोने में हो। यहां आने वाले लोगों का स्थानीय लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है। टूरिस्ट वोलाकी, लौजा, सिसेरा, आर्टिचोक और अंगूरों से बनाई जाने वाली स्पेशल जूस जरूर चखते हैं। इसके बिना इस आइलैंड का सफर अधूरा माना जाता है। स्थानीय लोग अपने घरों में पर्यटकों का स्वागत करते हैं। उन्हें अपनी पारंपरिक जीवनशैली और भोजन भी खिलाते हैं।
बजट
टीनोस में आवास की कीमतें अन्य प्रमुख ग्रीक द्वीपों की तुलना में किफायती हैं। यहां के होटल, होस्टल और बेड एंड ब्रेकफास्ट बहुत ही कम रेट में मिल जाती है। यदि आप छुट्टियों के घर या प्राइवेट कमरे में ठहरना चाहते हैं, तो एक रात का किराया औसतन 8 से 13 हजार रुपये के बीच होता है। आप टैक्सी, बस या किराए पर कार लेकर द्वीप के विभिन्न हिस्सों की सैर कर सकते हैं। यात्रा के लिए मई और अक्टूबर के महीने सबसे बेस्ट है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और पर्यटक भी कम होते हैं, जिससे आप शांति से द्वीप का आनंद ले सकते हैं।
मीडिया सोर्स के अनुसार, ग्रीस सरकार ने पर्यटकों से नई क्लाइमेट टैक्स वसूलने की योजना बनाई है। इस टैक्स के तहत, उच्च पर्यटन सीजन (अप्रैल से अक्टूबर) में प्रति दिन €8 यानी ₹822 और निचले सीजन में €2 यानी ₹205 की दर से शुल्क लिया जाएगा। यह टैक्स होटल या अन्य आवास पर चेक-इन करते समय अलग से लिया जाएगा। इससे पर्यटन व्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही सरकार द्वारा टूरिज्म को बढ़ावा देने में आर्थिक मदद मिलेगी।





