नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Today’s History:- आज 22 मई, 2022 है। इस दिन साल 1772 में महान समाज सुधारक राजा राम मोहन रॉय का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कई भारतीय समाज में कई सुधार किए। उनके सभी कार्यों में से सबसे बड़ा सती प्रथा के खिलाफ शुरू की गई लड़ाई है, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली और उन्होंने भारत से सती प्रथा जैसी कुप्रथा का अंत किया। तो आइए जाने इनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य। राजा राम मोहन को “राजा” का टाइटल मुग़ल बादशाह अकबर II ने दिया था। महान समाज को अरबी, संस्कृत, पर्शियन, इंग्लिश, बंगाली और हिन्दी भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने अपनी ज़िंदगी में हिन्दू समाज की कुछ रीतियों का विरोध भी किया, इस लिस्ट में मूर्ति पूजन भी शामिल है। उन्होंने भारत के पहले इंग्लिश मीडीयम स्कूल को 1816 में शुरू किया था।
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सती प्रथा के पीछे एक कहानी छुपी है। 1811 में जब राजा के भाई की मृत्यु हुई तो उनकी भाभी को सती प्रथा का शिकार होना पड़ा। अपने प्रियजन को इस प्रथा का हिस्सा बनते देख उन्होंने इस प्रथा का विरोध किया। इस प्रथा को खत्म करने के उन्होनें ब्रिटिश सरकार को कई पत्र लिखें और उनसे मदद भी मांगी। उनके कई प्रयासों का फल तब मिल जब ब्रिटिश हुकूमत ने 1829 में सती प्रथा पर बैन लगा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई कार्य किए। 1828 में उन्होंने ब्रह्मों समाज की अस्थपना की थी, साथ ही उन्होंने आत्मीय सभा का गठन भी किया, जहां धार्मिक चर्चा होती है। बाल विवाह के खिलाफ भी उन्होनें कई अभियान छेड़े। गोपाल कृष्ण गोखले उन्हें “फादर ऑफ मॉडर्न इंडिया” भी कहते थे। राजा राम मोहन के कई अथक प्रयासों के हिन्दू समाज में कई सुधार आए, हालांकि उस दौर में कई लोगों ने उनका विरोध भी किया। आज उसी समाज सुधारक की जन्मतिथि है।