पूर्णिमा की रात में घूमने की 5 सबसे रोमांटिक जगहें, जहां चांदनी बना देगी हर पल को और भी यादगार

अगर आप ट्रैवल और रोमांस दोनों का साथ चाहते हैं, तो भारत की ये 5 जगहें पूर्णिमा की रात में किसी सपने जैसी लगती हैं। चाहे ताजमहल हो या केरल के बैकवॉटर, हर लोकेशन पर चांदनी रात का जादू कुछ अलग ही होता है। इन जगहों पर घूमने का प्लान बना लिया तो जिंदगीभर इन पलों को याद रखेंगे।

भारत में ऐसी कई जगहें हैं जो दिन में जितनी खूबसूरत दिखती हैं, रात में चांदनी के साथ उनका जादू और भी बढ़ जाता है। खासकर पूर्णिमा की रात में जब पूरा चांद निकलता है, तो उसकी दूधिया रोशनी इन जगहों की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती है। अगर आप किसी खास को इंप्रेस करना चाहते हैं या जिंदगी के कुछ सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं, तो इन जगहों का सफर जरूर करें।

उदयपुर शहर बेहद खूबसूरत, राजस्थान का उदयपुर वैसे भी झीलों का शहर कहलाता है, लेकिन चांदनी रात में इसका नजारा बेहद खास हो जाता है। पिछोला लेक, फतेहसागर लेक और सिटी पैलेस के आसपास की बोट राइड्स रोमांटिक अनुभव देती हैं। आप झील किनारे किसी रेस्टोरेंट में डिनर करते हुए चांद का नजारा देख सकते हैं, जो किसी फिल्मी सीन जैसा लगेगा।

आगरा का ताजमहल

दूसरी ओर, आगरा का ताजमहल फुल मून पर देखने का अनुभव कभी नहीं भूल सकते। संगमरमर पर पड़ती चांद की रोशनी इसे किसी परी महल जैसा बना देती है। इस दिन ताजमहल को रात में खास तौर पर खोला जाता है, जिससे टूरिस्ट इसे चांदनी में निहार सकें। यह अनुभव रोमांस के हर पैमाने पर खरा उतरता है।

गुजरात का कच्छ का रण

गुजरात का कच्छ का रण, पूर्णिमा की रात में बर्फ की तरह सफेद दिखता है। नमक की धरती पर चांदनी की रोशनी पड़ती है तो ऐसा लगता है जैसे पूरा रेगिस्तान जगमगा रहा हो। नवंबर से फरवरी तक यहां रण उत्सव होता है, जिसमें कल्चर, म्यूजिक और लोक डांस का संगम देखने को मिलता है।

केरल के बैकवॉटर

केरल के बैकवॉटर में अगर आप फुल मून पर हाउसबोट में हैं, तो वह पल जिंदगीभर याद रहेंगे। पानी में चांद की परछाईं, शांत माहौल और सिर्फ आप दोनों ।ये अनुभव किसी भी रोमांटिक गेटवे को खास बना देता है। इसे हनीमून डेस्टिनेशन कहा जाता है, और सही समय पर जाएं तो यह और भी यादगार बन सकता है।

लद्दाख की त्सो मोरीरी झील

लद्दाख की त्सो मोरीरी झील, समुद्रतल से करीब 14,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का नीला पानी और खुला आसमान, पूर्णिमा की रात में एकदम जादुई लगते हैं। रात में यहां से सितारे भी साफ दिखते हैं। रोमांस, एडवेंचर और शांति का ऐसा संगम कहीं और नहीं मिलेगा।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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