मौसम के बदलाव में भी हरे-भरे रहेंगे पौधे, जानें खास देखभाल के सुपर टिप्स

Plant Care: मौसम के बदलाव के दौरान पौधों की सही देखभाल करना बेहद जरूरी होता है, ताकि वे हरे-भरे और स्वस्थ बने रहें।

Bhawna Choubey
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Plant Care: आजकल न सिर्फ लोगों को रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाने का शौक होता है बल्कि घर में ताजी-ताजी सब्जियां लगाने का भी शौक होता है। कुछ लोग अपने घर के गार्डन, छत और बालकनी में तरह-तरह की सब्जियां उगाते हैं। आजकल लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए अपने घरों में सब्जियां उगाने लगे हैं। घर पर उगाई गई सब्जियां न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि केमिकल फ्री भी होती हैं।

लेकिन जिस तरह बदलते मौसम में हमारी सेहत को फर्क पड़ता है, हमारी त्वचा और बाल को फर्क पड़ता है उसी प्रकार पौधों की सेहत को भी फर्क पड़ता है। पौधे लगाना तो बेहद आसान होता है, लेकिन पौधों को हमेशा हरा-भरा और स्वस्थ रखना आसान काम नहीं है। कई बार ठीक देखभाल करने के बाद भी पौधों में कीड़े लग जाते हैं या फिर वे सूखने लगते हैं। पौधों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें बच्चों की तरह ही देखभाल की आवश्यकता होती है।

पन्नी का छज्जा बनाएं

बदलते मौसम में पौधों की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तेज धूप या बारिश से पौधों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आपके पौधे खुले आसमान में रखे हैं, तो धूप या बारिश से बचाने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं, जैसे कि तेज धूप से पौधों को छायादार जगह पर ले जा सकते हैं। अगर आपके पास जगह कम है तो पौधों के ऊपर पन्नी का छज्जा बनाकर उन्हें धूप से बचा सकते हैं। इन छोटे-छोटे उपायों से आप अपने पौधों को स्वस्थ और हरा भरा रख सकते हैं।

प्राकृतिक कीटनाशक बनाएं

बदलते मौसम में पौधों को कीटों से बचाना बेहद जरूरी है। रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से बचने के लिए आप घर पर ही प्राकृतिक कीटनाशक बना सकते हैं। जैसे नीम का तेल, नमक का घोल या प्याज और लहसुन का स्प्रे ऐसे ही कुछ ऑप्शन मौजूद है। यह न केवल पौधों को कीटों से बचाते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होते हैं।

अधिक पानी देने से बचें

अधिकांश पौधों को कुछ घंटे की धूप नियमित पानी और समय-समय पर छंटाई की आवश्यकता होती है। अलग-अलग प्रकार के पौधों को अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग देखभाल की जरूरत होती है। पौधों को पानी देते समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। अधिक पानी देने से पौधे सड़ सकते हैं। इसलिए मिट्टी की नमी को जांचकर ही पानी देना चाहिए। यदि मिट्टी सुखी है तो पानी का सही इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

गीली मिट्टी में खाद न डालें

बदलते मौसम में पौधों को खाद देने के समय सावधानी बरतनी चाहिए। गलती से भी गीली मिट्टी में खाद नहीं डालना चाहिए, यह पौधों के लिए हानिकारक हो सकता है। खाद डालने से पहले मिट्टी को सूखने दें। जब मिट्टी सुखी हो और इसे आसानी से खोदा जा सके तब ही खाद को मिट्टी में मिलाएं। गीली मिट्टी में खाद डालने से पौधों की जड़े सड़ सकती है और पौधा खराब हो सकता है।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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