गर्मी के मौसम में धूप की तीव्रता केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि पौधों को भी प्रभावित करती है। खासकर तुलसी का पौधा, जो हर घर में पूजा और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है, तेज धूप में जल्दी मुरझाने लगता है। इसकी पत्तियां पीली होकर झड़ने लगती हैं और पूरा पौधा सूखने की कगार पर पहुंच जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि समय रहते इसकी देखभाल (Tulsi Plant Care Tips) की जाए, ताकि यह पौधा दोबारा हरा-भरा और मजबूत बन सके।
अगर आप भी देख रहे हैं कि आपकी तुलसी सूखने लगी है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ आसान घरेलू उपायों की मदद से आप इसे फिर से जीवित कर सकते हैं। सही समय पर पानी देना, ज़रूरत के हिसाब से धूप और छांव में बदलाव करना, और मिट्टी को पोषक बनाना – ये कुछ छोटे-छोटे उपाय हैं जो तुलसी की सेहत को फिर से सुधार सकते हैं।

गर्मी में तुलसी के पौधे को कैसे बचाएं?
तुलसी का पौधा हर घर में पूजा-पाठ के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी खास माना जाता है। लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ती है, ये नाजुक पौधा तेज धूप में सूखने लगता है। पत्ते मुरझाने लगते हैं और पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो पौधा पूरी तरह सूख सकता है। ऐसे में ज़रूरी है कि कुछ सिंपल पर असरदार उपाय अपनाएं, जिससे तुलसी का पौधा गर्मी में भी सुरक्षित और हरा-भरा बना रहे।
तुलसी को तेज धूप से बचाएं
गर्मी में तेज सीधी धूप तुलसी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। तुलसी की पत्तियां झुलसने लगती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है। इसलिए सबसे पहले इसे ऐसी जगह रखें जहां सुबह की हल्की धूप मिल सके लेकिन दोपहर की कड़ी धूप से बचाव हो। बालकनी या छत पर तुलसी को रखने के बजाय खिड़की के पास या आंगन की छांव में रखें। अगर संभव हो तो पौधे को शेड या छतरी से ढक कर रखें ताकि सूरज की सीधी किरणें उस पर न पड़ें।
पानी देने का सही तरीका क्या है?
गर्मी में पौधों को पानी देना जरूरी है, लेकिन तुलसी के लिए ये काम सोच-समझकर करना चाहिए। बहुत ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं और कम पानी देने से पौधा सूख सकता है। तुलसी को सुबह-सुबह या शाम को ठंडा पानी देना चाहिए। तेज धूप में कभी भी पानी न डालें क्योंकि इससे मिट्टी गर्म हो जाती है और पौधे की जड़ें झुलस सकती हैं। साथ ही हफ्ते में एक बार तुलसी की मिट्टी को ऊपर से हल्का-सा कुरेदकर हवादार बनाएं ताकि पानी अंदर तक पहुंच सके।
तुलसी की जड़ों में पानी रुकने से बचाने के लिए गमले में छेद ज़रूर होना चाहिए ताकि एक्स्ट्रा पानी बाहर निकल जाए। इसके अलावा आप हफ्ते में एक बार नीम का पानी भी डाल सकते हैं, जिससे मिट्टी में कीड़े नहीं लगेंगे और तुलसी का पौधा स्वस्थ रहेगा।
तुलसी की मिट्टी में करें ये जरूरी बदलाव
गर्मी में तुलसी की मिट्टी को थोड़े बदलाव की ज़रूरत होती है ताकि पौधा नई पत्तियां निकाल सके। पुराने गमले की मिट्टी अगर बहुत सख्त हो गई हो या पानी सोखने में वक्त ले रही हो तो उसमें थोड़ा गोबर खाद, कोकोपीट और रेत मिलाकर मिट्टी को हल्का और नमीदार बनाएं। इससे पौधे की जड़ों को ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे।
अगर तुलसी की पत्तियां पीली हो रही हैं या नीचे से सूख रही हैं, तो इसका मतलब है कि मिट्टी में पोषण की कमी है। ऐसे में आप हर 15 दिन में एक बार वर्मी कंपोस्ट या होममेड खाद का हल्का छिड़काव कर सकते हैं। ये तरीका तुलसी को अंदर से मज़बूती देगा और दोबारा नई हरी पत्तियों की ग्रोथ शुरू होगी।