चाणक्य नीति हजारों साल पुरानी होने के बावजूद आज भी लोगों को जीवन में सही फैसले लेने की सीख देती है। खासकर रिश्तों के मामले में चाणक्य की बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो खून का नहीं, लेकिन दिल का होता है। मगर कई बार यही दोस्ती हमारे लिए जहर साबित हो सकती है।
चाणक्य ने स्पष्ट कहा है कि हर मुस्कुराने वाला व्यक्ति आपका मित्र नहीं होता और हर मदद करने वाला इंसान ईमानदार नहीं होता। अगर आपने आंख मूंदकर सभी पर भरोसा किया, तो धोखा खाने की संभावना बढ़ जाती है।
जो आपकी सफलता से जलते हैं
ऐसे दोस्त जो आपकी तरक्की देखकर खुश नहीं होते, बल्कि अंदर ही अंदर जलते हैं, वे आपके सच्चे शुभचिंतक नहीं हो सकते। चाणक्य कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति जब भी मौका पाएगा, आपको नीचे गिराने का प्रयास करेगा। इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बना लें।
जो पीठ पीछे आपकी बुराई करें
चाणक्य नीति के अनुसार वह दोस्त जो सामने कुछ और और पीठ पीछे आपकी आलोचना करता है, उससे सतर्क रहना चाहिए। ऐसे लोग दोहरे चेहरे वाले होते हैं और इनका मकसद सिर्फ खुद को बेहतर दिखाना होता है, भले ही इसके लिए आपकी छवि खराब करनी पड़े।
जो सिर्फ जरूरत पर याद करें
एक और तरह के दोस्तों का जिक्र चाणक्य नीति में मिलता है, वो जो सिर्फ तब याद करते हैं जब उन्हें कोई काम होता है। ये लोग अपने फायदे के लिए रिश्ते निभाते हैं। अगर आप उनके काम न आ सकें, तो वो आपकी अहमियत भी नहीं समझते।
रिश्तों में बुद्धिमत्ता जरूरी है
दोस्ती निभाना जरूरी है, लेकिन आंख बंद करके नहीं। जीवन में जब भी कोई रिश्ता बनाएं, तो उसमें चाणक्य की नीति को जरूर ध्यान में रखें। इससे न सिर्फ आप धोखा खाने से बचेंगे, बल्कि जीवन में सही लोगों के साथ आगे बढ़ पाएंगे।





