चिलचिलाती गर्मी में मटके का पानी रहेगा फ्रिज से भी ज्यादा ठंडा, बस चाहिए किचन की ये 2 चीजें

चिलचिलाती गर्मी में फ्रिज का पानी भी कभी-कभी गुनगुना लगने लगता है। लेकिन अब सिर्फ मटके में दो आम चीजें मिलाकर आप पानी को फ्रिज से ज्यादा ठंडा कर सकते हैं। जानिए कौन से हैं ये दो सफेद पाउडर और कैसे करें इस्तेमाल, ये तरीका इन दिनों सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल है।

गर्मियां आते ही लोग ठंडे पानी (Cool Water) की तलाश में रहते हैं। चाहे ऑफ़िस हो या घर, पानी अगर ठंडा न मिलें तो बैचेनी सी होने लगती है। ऐसे में मटका हमेशा से एक नैचरल और हेल्दी ऑप्शन माना जाता है। लेकिन कई बार मटका भी ज़्यादा ठंडा पानी नहीं दे पाता है। अब इंटरनेट पर भी हर कोई यही सर्च कर रहा है कि आख़िर अपने पुराने मटके का पानी ठंडा रखें तो कैसे रखें।

अभी अप्रैल का महीना चल रहा है लेकिन मौसम का मिज़ाज जून जुलाई जैसा गर्म नज़र आ रहा है। दो इतनी तेज़ है कि लोग दोपहर में बाहर निकलने से भी कतराने लगे हैं। मौसम विभाग और कुछ प्राइवेट एजेंसियों का अनुमान है कि मार्च के आख़िरी दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाला रेल में कितना झुलसाने वाला साबित होगा।

बिना फ़्रीज़ के पानी ठंडा कैसे रखें?

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक हैक वायरल हो रहा है। इस हैक में बेकिंग सोडा और नमक का इस्तेमाल किया है। इन दोनों सफ़ेद पाउडर को मटके के बाहरी सतह पर रखना होगा। इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक कटोरी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा नमक मिलाएँ। अब इसे मटके के बाहरी सतह पर अच्छे से रगड़ दें। इसके बाद मटके को पानी से धोकर भर दें।

मटके के पानी को ठंडा कैसे रखें

दरअसल बेकिंग सोडा नामक मिलकर मटके की मिट्टी में मौजूद पोर्स को खोल देते हैं। इससे पानी का तेज़ी से वाष्पीकरण होता है और अंदर का पानी नैचुरली ठंडा हो जाता है। यही वजह है कि इस तरीक़े से पानी फ़्रीज़ के मुक़ाबले भी ज़्यादा ठंडा और नैचुरल टेस्ट वाला होता है।

मटके का पानी पीने के क्या क्या फ़ायदे होते हैं?

मटके का पानी से ठंडक ही नहीं देता बल्कि सेहत के लिए भी काफ़ी फ़ायदेमंद माना जाता है। इसमें पानी नक्सली ठंडा होता है दुख से गला ख़राब होने का डर नहीं रहता, मटकी की मिट्टी में मौजूद मिनरल पानी को साफ़ और हल्का बनाते हैं। साथ ही मटकी का पानी पीने से पाचन अच्छा रहता है और शरीर का टेम्परेचर भी बैलेंस रहता है। फ्रिज का पानी बहुत ठंडा होने की वजह से कई बार गला बैठ जाता है या फिर पेट में ऐंठन हो सकती है। जबकि मटका पानी नैचरल तरीक़े से शरीर को ठंडक देता है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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