वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में सही दिशा सही उपकरणों का इस्तेमाल करने से घर में समृद्धि और शांति का वास होता है। तवा जो हर घर में आमतौर पर इस्तेमाल होता है, उसकी सही दिशा और रख रखाव आपके जीवन की दिशा पर गहरा असर पड़ सकता है। अगर तवा को सही दिशा में रखा जाए तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे कार्यों में सफलता मिलती है।
किचन को घर में माँ लक्ष्मी का वास स्थल माना जाता है, और इस जगह की उपकरणों का असर घर की ख़ुशहाली पर पड़ता है। तभी का इस्तेमाल रोटियां बनाने के लिए किया जाता है, यदि वास्तु के (Vastu Tips) अनुसार ध्यान रखा जाए तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में तवे से जुड़े कुछ वास्तु नियम बताएंगे।

तवा का सही स्थान और दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार तवा को हमेशा रसोई में दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। यह दिशा स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी होती है। अगर तवा को गलत दिशा में रखा जाता है, तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देता है, जिससे सफलता में रुकावटें आती हैं। दक्षिण दिशा को स्थिरता और ताकत का प्रतीक माना जाता है, इसीलिए तवा को वहां रखना सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा, तवे को साफ और बिना किसी खरोंच के रखना भी जरूरी है।
तवा की सफाई और उसका प्रभाव
वास्तु के अनुसार, तवा साफ और स्वस्थ रहना चाहिए। यदि तवा पर जंग लग गया हो या वह गंदा हो, तो यह घर में नकारात्मकता और दरिद्रता को जन्म दे सकता है। तवे को प्रतिदिन साफ रखें, और कोशिश करें कि वह चमकदार दिखे। साफ तवा घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और आपके कार्यों में सफलता लाने में मदद करता है। इसके अलावा, तवा पर कोई भी चिह्न या टूट-फूट न हो, क्योंकि यह आपके घर में विफलता को आमंत्रित करता है।
तवा से जुड़ी विशेष वास्तु टिप्स
- रसोई में तवे का इस्तेमाल करते समय यह सुनिश्चित करें कि तवा को सही दिशा में रखा गया हो। दक्षिण-पश्चिम दिशा आदर्श है।
- तवा का इस्तेमाल केवल पाककला के लिए करें और कभी इसे बेवजह न ले जाएं।
- तवा पर हमेशा ताजगी बनाए रखें, उसे साफ और बिना जंग के रखें।
- हर महीने तवे की सफाई और उसके उपयोग का सही तरीका सुनिश्चित करें ताकि घर में समृद्धि बनी रहे।