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Sun, Dec 7, 2025

अगर आप भी रात में सिर के पास रखते हैं घड़ी, तो सावधान! ये 4 खतरे आपको नहीं पता होंगे

Written by:Bhawna Choubey
रात में सिरहाने घड़ी रखना न सिर्फ आपकी नींद को बिगाड़ता है, बल्कि ऊर्जा, स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर भी गहरा असर डालता है। जानिए क्यों विशेषज्ञ वास्तु और स्वास्थ्य के अनुसार इस आदत को तुरंत बदलने की सलाह देते हैं।
अगर आप भी रात में सिर के पास रखते हैं घड़ी, तो सावधान! ये 4 खतरे आपको नहीं पता होंगे

रात के समय घड़ी की टिक-टिक, मोबाइल की रोशनी या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक चीज़ की नज़दीकी… सुनने में मामूली लगती है, लेकिन ये आपकी नींद, मानसिक ऊर्जा और अगले दिन के मूड तक को बिगाड़ सकती है। हम में से कई लोग अनजाने में अपनी घड़ी चाहे वह डिजिटल हो या एनालॉग सिरहाने रखकर सोते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि इससे समय देखना आसान रहता है।

लेकिन बीते समय में बढ़ते नींद संबंधी विकारों, तनाव और अनिद्रा पर कई शोध बताते हैं कि यह आदत आपके लिए कई अदृश्य नुकसान लेकर आती है। वास्तु और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसे ऊर्जा संतुलन के लिए हानिकारक बताते हैं। भावनात्मक रूप से देखें, तो जो छोटी-छोटी चीज़ें हमें सुविधाजनक लगती हैं, वही धीरे-धीरे हमारे स्वास्थ्य की सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं। तो क्या सच में सिरहाने घड़ी रखना नुकसानदायक है? क्या यह सिर्फ वास्तु दोष है या इसके पीछे वास्तविक वैज्ञानिक कारण भी हैं? इन्हीं सवालों के जवाब यहाँ विस्तार से…

सिर के पास घड़ी रखकर सोने का वास्तु पर सीधा प्रभाव

भारतीय वास्तुशास्त्र में नींद और दिशा का बेहद गहरा संबंध माना गया है। वास्तु का मानना है कि नींद के दौरान आपका मन और शरीर ब्रह्मांडीय ऊर्जा को सबसे अधिक ग्रहण करता है। जब आप सिरहाने घड़ी रखते हैं खासकर डिजिटल घड़ी तो उससे निकलने वाली रोशनी, चुंबकीय तरंगें और कंपन ऊर्जा प्रवाह को बाधित कर देती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से तीन तरह से नुकसान पहुंचाती है।

1. मानसिक बेचैनी और तनाव वृद्धि

वास्तु कहता है कि सोते समय किसी भी प्रकार की टिक-टिक या बीप साउंड मन को अस्थिर करती है। मन शांत नहीं रहता, नींद टूट-टूट कर आती है, व्यक्ति सुबह उठकर तरोताज़ा महसूस नहीं करता, यह असर धीरे-धीरे आपकी मानसिक सेहत को कमजोर करता है।

2. कमरे की सकारात्मक ऊर्जा पर असर

घड़ी की नॉन-स्टॉप गतिविधि क्लॉकिंग एनर्जी पैदा करती है, जो शयनकक्ष में स्थिरता को कम करती है। यह रिश्तों पर भी ऊर्जा स्तर से नकारात्मक प्रभाव डालती है, इसलिए विवाहयोग्य लड़कियों को खासतौर पर इससे बचने की सलाह दी जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्यों कहते हैं सिरहाने घड़ी रखना खतरनाक है?

1. नींद की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव

नींद विशेषज्ञ बताते हैं कि सोते समय आपका मस्तिष्क पूरी शांति चाहता है। घड़ी की आवाज़, उसकी रोशनी और उसकी लगातार गतिविधि दिमाग को सिग्नल भेजती रहती है कि यह पूरी तरह रिलैक्स नहीं हो सकता। दिमाग डिप-स्लीप में जाने से पहले ही सक्रिय हो जाता है, नींद का चक्र बिगड़ता है, सुबह थकान, चिड़चिड़ापन और झुंझलाहट बनी रहती है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि सिर के पास इलेक्ट्रॉनिक चीजें रखना मेलाटोनिन स्तर को भी कम करता है। यह वही हॉर्मोन है जो शरीर को सोने का संकेत देता है।

2. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स का खतरा

डिजिटल घड़ियाँ, मोबाइल अलार्म क्लॉक और स्मार्ट क्लॉक लगातार EMF वेव्स छोड़ती हैं। आम दिनों में यह हानिकर नहीं लगतीं, लेकिन सिर के बिल्कुल पास रखने पर इनका प्रभाव बढ़ जाता है। सिरदर्द, माइग्रेन, आँखों में जलन , बेचैनी, नींद टूटना, ब्रेन ओवरएक्टिव होना, यह ऊर्जा शरीर को अलर्ट मोड में रखती है, जबकि सोते समय शरीर को हीलिंग मोड में होना चाहिए।

3. ब्लड प्रेशर और हार्टबीट प्रभावित होना

कई लोग रात में समय देखने के लिए जागते हैं और घड़ी पर एक झलक डालते हैं। इससे अचानक दिमाग सक्रिय हो जाता है और कोर्टिसोल बढ़ने लगता है।
हार्टबीट तेज, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, दोबारा नींद आने में दिक्कत, विशेषज्ञ कहते हैं कि रात में समय को बार-बार देखना स्लीप परफॉर्मेंस एंग्जायटी बढ़ाता है, यानी आपको लगता है कि समय निकल रहा है और आप सो नहीं पा रहे।

4. भावनात्मक और रिश्तों पर असर

वास्तु के अनुसार, घड़ी समय और गति का प्रतीक है। नींद के दौरान इसकी उपस्थिति रिश्तों में बेचैनी, छोटी-छोटी बातों में तनाव, और मानसिक अधीरता बढ़ा सकती है। विशेष रूप से दांपत्य जीवन में तनाव, पार्टनर के साथ अनबन, लगातार बहस जैसी स्थिति, जिस कमरे में घड़ी सिरहाने रखी जाती है, वहाँ स्थिरता और संतुलन कम होता जाता है।

घड़ी सिरहाने रखने से होने वाले 4 प्रमुख नुकसान

1. मानसिक स्वास्थ्य का लगातार गिरना

नींद से जुड़ी समस्याएँ सीधे आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी होती हैं। सिरहाने मौजूद घड़ी रात भर दिमाग को शांति की बजाय सक्रियता के संकेत भेजती रहती है। समय के साथ चिंता बढ़ती है, ओवरथिंकिंग की आदत, दिमाग हमेशा दबाव में महसूस करता है, आराम की क्षमता घट जाती है, यह नुकसान सबसे ख़तरनाक होता है क्योंकि आप इसे महसूस तब करते हैं जब यह काफी बढ़ चुका होता है।

2. लंबे समय में अनिद्रा का खतरा

अगर आप हर छोटी आवाज़ से जाग जाते हैं, हर रोशनी से परेशान होते हैं, या रात में बार-बार नींद खुलती है तो घड़ी एक प्रमुख कारण हो सकती है। डिजिटल अलार्म क्लॉक की हल्की भी LED लाइट मस्तिष्क को पूरी तरह आराम नहीं करने देती। इससे आपका अच्छा नींद का चक्र कम हो जाता है। शरीर को रिकवरी नहीं मिलती, मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा जाता है।

3. शरीर की हीलिंग प्रक्रिया धीमी पड़ना

सोते समय शरीर कई मरम्मत प्रक्रियाओं को करता है। लेकिन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स और मानसिक सक्रियता इस प्रक्रिया को बाधित करती है। थकान दूर नहीं होती, त्वचा पर असर, माइग्रेन बढ़ना, इम्युनिटी कमज़ोर, लंबे समय में यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

कैसे सुधारें यह आदत?

  • घड़ी को बेड से कम से कम 4–6 फीट दूर रखें
  • मोबाइल अलार्म के बजाय बैटरी वाली साइलेंट घड़ी का उपयोग करें
  • कमरे में ब्लू लाइट पूरी तरह बंद रखें
  • सोने से पहले समय देखने की आदत छोड़ दें
  • मन को शांत करने के लिए 2 मिनट गहरी सांस लें