कुछ रंग ऐसे होते हैं जिन्हें घर के कुछ खास कोनों से दूर रखना ही अच्छा माना गया है खासतौर से नीला रंग। वैसे तो नीला रंग घर की दीवारो में नई जान डाल देता है। घर की पॉजीटिव एनर्जी को ध्यान में रखते हुए कुछ हिस्सों में नीला रंग अवॉइड करना ही बेहतर है।
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दक्षिण दिशा में
नीला रंग ही जल का रंग माना जा सकता है, इसलिए इसे उत्तर दिशा की ओर कराने की सलाह दी जाती है। दक्षिण अग्नि की दिशा है, इसलिए इस दिशा में नीला रंग करने से बचना चाहिए। दक्षिण दिशा में नीला रंग करवाने से गृह कलेश और सेहत से जुड़ी समस्या हो सकती है।
पूर्व दिशा में
दक्षिण अग्नि की दिशा है तो पूर्व सूरज की, इसलिए इसे भी स्वभाव से गर्म ही माना जाता है। वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा में भी नीला रंग न करने की सलाह दी जाती है। नीला रंग करना ही हो तो ईशान कोण में ही करें। यानि घर के उस कोने में जहां उत्तर और पूर्व दिशा दोनों मिल रही हो, पूर्व की तरफ पूरी दीवार पर नीला रंग न करें।
किचन में
नीले रंग का संबंध जहर से भी माना जाता है। जब भी जहर की बात होती है उसे नीले रंग से ही दर्शाया जाता है। भगवान शंकर को भी इसी वजह से नीलकंठ कहा गया, ऐसे में किचन में नीले रंग से बचने की सलाह दी जाती है।
नीले रंग की टाइल्स
इन दिनों बाजार में बहुत सुंदर, डिजाइनर टाइल्स मिलती हैं।अगर घर की दीवार या फर्श के लिए टाइल्स चुन रहे हैं तो वहां भी दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आपका घर उत्तरमुखी है तो ही नीले रंग की टाइल्स चुनें।
पैसों की अलमारी में
आप घर की जिस अलमारी में पैसे रखते हों, उस अलमारी को भी नीला रंग न करवाएं।दरअसल नीला रंग लिक्विडिटी का माना गया है। वास्तु अनुसार नीले रंग की अलमारी में पैसे रखने पर हमेशा खर्च के कारण बने रहेंगे।