Vastu Tips : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की चीजों का अर्पण शामिल है, जिसमें पान का पत्ता भी शामिल है। बता दें कि पान के पत्ते को काफी पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में पान का पत्ता भगवान और देवियों को प्रसन्न करने के लिए अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, पान के पत्ते को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे शुभ और मंगलकारी माना जाता है। पान का पत्ता धार्मिक उपयोग के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों में भी प्रयोग किया जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, पान के पत्ते के उपयोग से जुड़े कुछ उपाय होते हैं जो व्यक्ति के जीवन में समस्याओं को दूर करते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको पान के पत्ते का भोग लगाने के फायदे बताते हैं। जानें विस्तार से…
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को पान के पत्ते पर लौंग सुपारी इलायची और कपूर रखकर चढ़ाना चाहिए। इससे बाबा भोलेनाथ अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि भक्तों पर बनाए रखते हैं। ऐसा करने वाले जातकों को हमेशा शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान विष्णु को पान के पत्ते पर तुलसी, पांच प्रकार के फल और कमल का फूल रखकर अर्पित करने पर जातकों को शुभ परिणाम मिलते हैं। दरअसल, ऐसा भोग लगाने से जातकों को हमेशा खुशी मिलती है। इन पर माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा बनी रहती है। इसके अलावा, वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। तरक्की के योग बनते हैं।
- वहीं, मां लक्ष्मी को पान के पत्ते पर कमल फूल, श्रीफल और फल रखकर भोग लगाने से धन की देवी अति शीघ्र प्रसन्न होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने पर भक्तों को उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। जातकों की सोई हुई किस्मत जाग उठती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल जाता है।
ऊपर बताए गए देवी-देवताओं को पान के पत्ते में इन चीजों के साथ अर्पित करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए हमेशा इस उपाय को अपने इससे घर में बरकत आएगी। साथ ही सारी नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर हो जाएगी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)