MP Breaking News
Tue, Dec 16, 2025

जब लगे कि अब और नहीं होगा, तब याद रखो विकास दिव्यकीर्ति की ये 5 बातें

Written by:Bhawna Choubey
Vikas Divyakirti: IAS इंटरव्यू छोड़कर छात्रों के लिए बने मोटिवेशन गुरु, विकास दिव्यकीर्ति के ये विचार हर उस शख्स को हिम्मत देते हैं जो बार-बार फेल हो चुका है। जानिए क्यों इनकी बातें UPSC से लेकर ज़िंदगी तक सबको प्रेरित करती हैं।
जब लगे कि अब और नहीं होगा, तब याद रखो विकास दिव्यकीर्ति की ये 5 बातें

कभी UPSC इंटरव्यू बोर्ड में बैठे विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने वो रास्ता चुना, जिसे बहुत कम लोग अपनाते हैं। उन्होंने सरकारी पद की चमक-धमक छोड़कर उस जगह को चुना जहां संघर्ष सबसे ज्यादा है, स्टूडेंट्स की क्लासरूम। उनकी बातें क्लास के चार दीवारों से निकलकर सीधे दिल तक पहुंचती हैं। वो सिर्फ टीचर नहीं हैं, बल्कि उस दोस्त की तरह हैं जो हारने पर कंधा भी देता है और उठने की वजह भी।

जब ज़िंदगी में सब कुछ गलत लगने लगे, और लगने लगे कि अब बस बहुत हो गया, तब दिव्यकीर्ति सर की एक लाइन सुनकर फिर से हिम्मत लौट आती है। उनका कहना है, “हारना गलत नहीं, लेकिन हार मान लेना बहुत बड़ा धोखा है खुद के साथ।” यही वजह है कि लाखों स्टूडेंट्स उन्हें सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि ‘संघर्ष में साथ चलने वाला साथी’ मानते हैं।

क्यों खास हैं विकास दिव्यकीर्ति की बातें?

विकास दिव्यकीर्ति की खासियत सिर्फ उनके ज्ञान में नहीं, बल्कि उनकी सादगी और ज़मीनी अनुभव में है। वो खुद भी UPSC पास कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपनी ज़िंदगी एक शिक्षक के रूप में छात्रों को समर्पित कर दी। यही वजह है कि जब वो कोई बात कहते हैं, तो वो सिर्फ प्रेरणा नहीं देती बल्कि भरोसा भी जगाती है।

उनके कुछ विचार जैसे –

  • “असफलता सिर्फ अनुभव बढ़ाने का मौका है”,
  • “ज़िंदगी को एक्ज़ाम मत बनाओ, एक्ज़ाम को ज़िंदगी का हिस्सा समझो”

थक गए हो? तो विकास दिव्यकीर्ति के ये विचार ज़रूर पढ़ो

कई बार मेहनत करने के बाद भी जब रिजल्ट न मिले, तो इंसान खुद से ही सवाल करने लगता है। ऐसे में दिव्यकीर्ति सर की बातें रास्ता दिखाती हैं। वो कहते है, “जब आप थक जाएं, तब ये मत सोचिए कि आप क्यों कर रहे हैं। बल्कि सोचिए कि आपने अब तक इतना किया क्यों?”

उनकी यह लाइन स्टूडेंट्स के साथ-साथ उन सभी के लिए भी है जो ज़िंदगी में किसी भी मोड़ पर हार मानने के कगार पर हैं। वो कहते हैं कि कभी भी खुद की तुलना दूसरों से न करें, क्योंकि हर किसी का टाइम अलग होता है। इन विचारों को सुनने के बाद कई स्टूडेंट्स ने अपने डिप्रेशन से बाहर निकलकर नए सिरे से तैयारी शुरू की। यही तो फर्क है, जब शिक्षक सिर्फ पढ़ाता नहीं, जीना सिखाता है।

आज के युवाओं के लिए क्यों ज़रूरी हैं ऐसे विचार?

आज के दौर में जहां सोशल मीडिया पर तुलना और फेलियर का डर हर वक्त पीछा करता है, वहां विकास दिव्यकीर्ति जैसे लोगों की बातें बहुत मायने रखती हैं। उनकी बातें कोई सिर्फ फैंसी कोट्स नहीं होतीं, बल्कि ज़िंदगी के रियल स्ट्रगल से निकली सच्चाइयाँ होती हैं। एक स्टूडेंट ने कहा था, “सर की एक वीडियो देखी और आत्महत्या का ख्याल छोड़ दिया।” ये शब्द बताते हैं कि किसी के विचार कितने गहरे असर कर सकते हैं।

दिव्यकीर्ति सर खुद कहते हैं, “पढ़ाई सिर्फ नौकरी के लिए नहीं होनी चाहिए, वो आपको एक बेहतर इंसान भी बनाना चाहिए।” और शायद यही वजह है कि उनके वीडियोज़ लाखों व्यूज़ लाते हैं, क्योंकि वो सिखाते हैं, कैसे बनें बेहतर इंसान, न कि सिर्फ अफसर।