सफलता चाहिए? डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने बताया किन लोगों को साथ रखना है ज़रूरी, जानिए वजह

Vikas Divyakirti: डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने एक लेटेस्ट सेशन में छात्रों को सलाह दी कि सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, बल्कि अपने आसपास मौजूद लोगों की सोच और एनर्जी से भी मिलती है। किन्हें साथ रखें और किनसे दूरी बना लें, जानिए उनकी दिलचस्प और काम की सीख।

हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन क्या सिर्फ मेहनत ही काफी है? नहीं, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) का मानना है कि सफलता की राह में आपके साथ चलने वाले लोग भी अहम रोल निभाते हैं। हाल ही में एक वीडियो में उन्होंने बताया कि किन लोगों के साथ रहना आपकी तरक्की की रफ्तार बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं उनकी सीख के पीछे का लॉजिक।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति, जो छात्रों के बीच अपनी सादगी और स्पष्ट बातों के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि अगर आप अपने जीवन में पॉजिटिव और सपोर्टिव लोगों को साथ रखते हैं, तो आपकी सोच और ऊर्जा भी वैसी ही बनती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे लोग जो सिर्फ शिकायत करते हैं या हर बात में नेगेटिविटी फैलाते हैं, उनसे दूरी बनाना ही बेहतर है। उनके अनुसार, यह चुनाव आपके करियर और मानसिक शांति – दोनों को प्रभावित करता है।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की सफलता के पीछे छिपा सामाजिक नजरिया

डॉ. दिव्यकीर्ति ने हमेशा से शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा। वह मानते हैं कि इंसान की सोच, उसका व्यवहार और उसका सोशल सर्कल – ये सब मिलकर उसकी दिशा तय करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे बांसुरी में सुर तभी आता है जब हवा सही दिशा में बहती है, वैसे ही ज़िंदगी में सुर तब आता है जब सही लोग साथ होते हैं। वो छात्रों को सलाह देते हैं कि अगर कोई दोस्त या रिश्तेदार आपको बार-बार छोटा महसूस कराता है या आपका हौसला तोड़ता है, तो उससे दूरी बनाना आपके लिए अच्छा है।

सोच बदलो, संगत बदलो

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की बातें सिर्फ ज्ञान नहीं, एक ज़मीनी हकीकत हैं। उन्होंने कहा कि सफलता की शुरुआत तब होती है जब आप अपने अंदर की सोच और बाहर की संगत को सुधारना शुरू करते हैं। वे छात्रों से कहते हैं कि “अपनी संगत ऐसे लोगों से करो, जो खुद बेहतर बनना चाहते हैं – क्योंकि वही लोग आपको भी ऊपर उठाएंगे।” उनका ये संदेश खासकर उन युवाओं के लिए है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या ज़िंदगी में कोई नया मुकाम बनाना चाहते हैं।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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