विकास दिव्यकीर्ति बोले, “अगर ये 5 किताबें नहीं पढ़ी, तो आपने असली पढ़ाई ही नहीं की

विकास दिव्यकीर्ति की पढ़ाई और सोच के कायल लाखों छात्र हैं। उन्होंने कुछ किताबें ऐसी बताई हैं जो सोचने का नजरिया ही बदल देती हैं। जानिए वो 5 किताबें, जिनसे आपकी सोच में आ सकता है जबरदस्त बदलाव।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सिर्फ UPSC कोचिंग देने वाले टीचर नहीं, बल्कि आज की युवा सोच के एक मजबूत आइकन बन चुके हैं। उनके इंटरव्यूज़, भाषण और किताबों की सिफारिशें लाखों स्टूडेंट्स फॉलो करते हैं। हाल ही में उन्होंने 5 ऐसी किताबों के नाम बताए हैं जिन्हें पढ़ने से न केवल जनरल नॉलेज बढ़ेगा, बल्कि सोचने का तरीका भी बदल जाएगा।

इन किताबों में दर्शन, इतिहास, राजनीति, और समाज की गहराई से बातें की गई हैं। डॉ. दिव्यकीर्ति का मानना है कि UPSC हो या ज़िंदगी, सही नजरिया सबसे बड़ी तैयारी है। यही वजह है कि उन्होंने इन किताबों को न सिर्फ ज्ञान का स्रोत माना बल्कि आत्मविकास का ज़रिया भी बताया। आइए जानते हैं कौन-सी हैं वो खास किताबें जो हर किसी को पढ़नी चाहिए।

विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक पहली किताब – Discovery of India

पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए एक बेहतरीन किताब मानी जाती है। डॉ. दिव्यकीर्ति मानते हैं कि इस किताब से भारत की आत्मा को जाना जा सकता है। UPSC, SSC या किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए ये किताब सोच की गहराई लाती है। इसमें भारत के अतीत, उसकी संस्कृति, धर्म और समाज की व्याख्या बहुत सहज भाषा में की गई है। यह किताब सिर्फ ज्ञान नहीं देती, बल्कि एक भारतीय होने के मायने भी समझाती है।

दूसरी जरूरी किताब – Old Man and The Sea by Ernest Hemingway

ये किताब भले ही छोटी हो, लेकिन इसकी गहराई बहुत बड़ी है। एक बुज़ुर्ग मछुआरे की कहानी जो अकेले समुद्र में संघर्ष करता है, वो साहस और धैर्य का प्रतीक बन जाती है। डॉ. दिव्यकीर्ति इसे जीवन के संघर्षों से जुड़ी हुई प्रेरणादायक किताब मानते हैं। उनका कहना है कि ये किताब बताती है कि हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, हार मानना विकल्प नहीं है। ये एक ऐसी किताब है जो हर युवा को एक बार जरूर पढ़नी चाहिए, खासकर जब वो ज़िंदगी से लड़ रहा हो।

और कौन-कौन सी किताबें हैं इस लिस्ट में?

बाकी की किताबों में “Animal Farm” (George Orwell), “1984” (George Orwell) और “To Kill a Mockingbird” (Harper Lee) शामिल हैं। ये किताबें राजनीतिक सोच, सामाजिक न्याय और मानवता के सवालों पर गहराई से रोशनी डालती हैं। डॉ. दिव्यकीर्ति के मुताबिक, ये किताबें सिर्फ UPSC इंटरव्यू की तैयारी के लिए नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान बनने के लिए भी ज़रूरी हैं। इनसे सोचने का नजरिया विकसित होता है और समाज के प्रति एक समझदार दृष्टिकोण बनता है।

 

 


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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