भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्लास्टिक (plastic) के नुकसान से हम सभी वाकिफ़ हैं। इसके निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रसायन इंसानों के साथ जानवरों और पर्यावरण के लिए भी बहुत नुकसानदेह हैं। खासकर प्लास्टिक की पानी की बोतलें या खाने के सामान की पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक में BPA या स्वास्थ्य-बिस्फेनॉल-ए जैसे अन्य विषाक्त पदार्थ पाए जाते हैं। ये अगर हमारे शरीर में चला जाए तो गंभीर बीमारियां हो सकती है। यही वजह है कि आज दुनियाभर में वैज्ञानिक और पर्यावरणविद प्लास्टिक का विकल्प खोजने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
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इसी क्रम में अब एक नई रिसर्च सामने आई है जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि जल्द ही शक्कर से वॉटर बॉटल (sugar water bottle) बनाई जा सकेंगी। ये बात सुनने में आश्चर्यजनक लगती है लेकिन वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम द्वारा जारी एक वीडियो में इस बात को विस्तार से समझाया गया है। इस वीडियो को How Things Are Manufactured ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है। इसमें बताया गया है कि ये एक नए तरह का प्लास्टिक होगा जो शक्कर से बनाया जाएगा और पर्यावरण को इससे कोई हानि नहीं होगी।
ये बायोडिग्रेडेबल, मजबूत और पारदर्शी होगा और इसके किसी तरह के स्क्रेच भी नहीं पड़ेंगे। फिलहाल जो वॉटर बॉटल बनती हैं उसमें पॉलिकार्बोनेट का प्रयोग होता है। ये काफी नुकसानदेह है। वैज्ञानिक पहले भी शक्कर से एक तरह का पॉलिकार्बोनेट बना चुके हैं लेकिन उसमें phosgene नाम का टॉक्सिक केमिकल होता है। अब कॉर्बनडाइ ऑक्साइड के साथ शक्कर को मिलाकर अलग तरह से प्लास्टिक बनाया जा रहा है जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इसमें कुछ और भी प्रयोग किए जा रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही ये सफल होगा। अगर ऐसा होता है तो बड़े स्तर पर प्लास्टिक का एक बेहतर विकल्प मिल जाएगा।