Fri, Dec 26, 2025

शादी के दौरान क्यों बनाया जाता है मंडप, जानें महत्व

Written by:Sanjucta Pandit
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इसी के नीचे बैठकर विवाह की सारी रस्में पूरी की जाती है। इस दौरान महिलाएं लोकगीत भी गाती हैं। कई जगह पर औरतें नाचती हुई सभी रस्म का आनंद भी उठाती हैं।
शादी के दौरान क्यों बनाया जाता है मंडप, जानें महत्व

Wedding Rituals : हिंदू धर्म में शादी का बहुत महत्व होता है। यह एक ऐसा बंधन होता है, जिसमें दो लोग आपस में जुड़कर सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा करते हैं। किसी भी व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कारों में विवाह भी एक संस्कार है। इसके बाद दंपती नया जीवन शुरू करते हैं, जिससे उनका वंश आगे बढ़ता है।

शादी के दौरान बहुत सारी रस्में निभाई जाती हैं। इनमें हल्दी, मेहंदी, सिंदूरदान, कन्यादान, फेरे, विदाई जैसी कई महत्वपूर्ण रस्में शामिल हैं।

मंडप का महत्व

आपने देखा होगा कि विवाह की रस्में मंडप में संपन्न की जाती हैं। वैदिक मान्यताओं के अनुसार, मंडप का काफी अधिक महत्व है। दूल्हा और दुल्हन दोनों के घर पर मंडप बनाया जाता है और मलिकथंभ लगाया जाता है। इसी के नीचे बैठकर विवाह की सारी रस्में पूरी की जाती हैं। इस दौरान महिलाएं शादियों के गीत भी गाती हैं और सभी रस्मों का आनंद लेती हैं।

इन चीजों की होती है पूजा

वैदिक मान्यताओं के अनुसार, आम की लकड़ी से तैयार किए गए मंडप को “मंडावा” भी कहते हैं। यहां मलिकथंभ और हल की पूजा की जाती है। मंडप में जो हल लगाया जाता है, वह शस्त्र बुरी ताकतों को आने से रोकता है। वहीं, थंभ को शादी में शुभ कार्य का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में विवाह को यज्ञ के समान माना गया है। इस दौरान देव और दानव दोनों का आगमन होता है। शादी में इनका कोई प्रभाव ना पड़े इसलिए भी मंडप बनाया जाता है।

मंडप की सजावट

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, मंडप के चार स्तंभ ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास जीवन के चार चरणों के प्रतीक होते हैं। इन्हें बांस, लकड़ी या गन्ने, आदि से बनाया जाता है। मंडप की सजावट के लिए केले के पत्ते, आम के पत्ते, गेंदे के फूल और कुशा का उपयोग किया जाता है, जो नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

अग्नि को साक्षी मानकर लेते हैं 7 फेरे

हिंदू विवाह में हवन में जल रही अग्नि को साक्षी मानकर दूल्हा-दुल्हन सात फेरे लेते हैं और इसके चारों ओर घूमकर सात वचन देते हैं। यह रस्म मंडप के नीचे ही की जाती है। अग्नि को पवित्रता और ईश्वर की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, मंडप में कन्यादान, सिन्दूरदान और मंगलसूत्र पहनाने जैसी कई महत्वपूर्ण रस्में पूरी होती हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)