हिंदू धर्म में शादी (मैरिज) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान दो इंसानों के साथ-साथ दो परिवार आपस में जुड़ते हैं। नई शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत सात वचन से करते हैं। इसे सनातन धर्म में 16 संस्कारों में से एक माना जाता है, जब साथी एक-दूसरे के लिए जीने-मरने की कसमें खाते हैं और एक नया जीवन शुरू करते हैं। हालांकि आजकल दौर बदल चुका है। जहां पहले शादी का मतलब एक ही छत के नीचे हमेशा रहना था, वहीं अब युवा पीढ़ी अपने रिश्ते को एक नया रूप दे रही है, जिसे वीकेंड मैरिज कहा जाता है, जिसका ट्रेंड रिश्तों की दुनिया को कई तरह से बदल रहा है।
भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लड़का और लड़की दोनों ही प्यार के साथ-साथ करियर को भी संभालते हैं। इस दौरान वे एक-दूसरे का हाथ थामकर चलते हैं, हर उतार-चढ़ाव को एक साथ पार करते हुए नया सफर शुरू करते हैं।
वीकेंड मैरिज
ऐसे में वीकेंड मैरिज का नया कॉन्सेप्ट उन जोड़ों के बीच तेजी से ट्रेंड कर रहा है, जो करियर को भी नहीं छोड़ना चाहते और न ही अपने पार्टनर को अकेला छोड़ना चाहते हैं। वे रिश्ते और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करके आपसी रिश्ते को भी मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। उन लोगों के लिए यह मैरिज बहुत ही फायदेमंद भी साबित हो रही है।
क्या है वीकेंड मैरिज?
वीकेंड मैरिज एक ऐसा चलन है, जब पति-पत्नी शादीशुदा होते हुए भी एक-दूसरे से हफ्ते में 5 दिन अलग-अलग रहते हैं। इस दौरान अपने-अपने करियर पर ध्यान देते हैं, साथ ही दोस्तों के साथ भी टाइम स्पेंड करते हैं और अपनी हॉबीज को पूरा करते हैं। वीकेंड पर यानी शनिवार और रविवार को एक-दूसरे से मिलते हैं और अपने रिश्ते को भरपूर समय देते हैं।
ऐसे हुई शुरूआत
अब हम आपको बता दें कि वीकेंड मैरिज का चलन सबसे पहले जापान में शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रहा है और इसे कामकाज करने वाले कपल्स ज्यादा फॉलो कर रहे हैं। वीकेंड मैरिज के फायदे भी हैं, तो वहीं इसके नुकसान भी हैं। इस दौरान पार्टनर्स एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक रूप से बहुत ही कम जुड़े होते हैं। उनका एक-दूसरे के प्रति लगाव बेहद कम रहता है, बच्चों की परवरिश में मुश्किल आती है। इसके अलावा एक-दूसरे पर भरोसे की कमी रहती है। हालांकि हर पार्टनर के साथ इस तरह की समस्या नहीं होती। जो एक-दूसरे के प्रति अंडरस्टैंडिंग रखते हैं और उनके बीच बेहतर कम्युनिकेशन होता है, तो वे इस रिश्ते को भी मजबूत बनाकर रखते हैं।
फायदे
- इस तरह की शादी के पीछे का कारण अलग-अलग शहरों में नौकरी करना होता है। दोनों को ही एक-दूसरे के करियर पर ध्यान देना जरूरी होता है, इसलिए वे अलग-अलग शहरों में रहते हैं। जब भी उन्हें मौका मिलता है, तो वे फौरन एक-दूसरे से मिल लेते हैं।
- कई लोगों को ऐसा भी लगता है कि शादी के बाद उनकी पर्सनल जिंदगी बेकार हो जाती है। उनसे उनकी आजादी और स्पेस छीन लिया जाता है। इसलिए वे वीकेंड मैरिज में विश्वास रखते हैं और इस दौरान वे अपनी मर्जी से जिंदगी जीते हैं, ताकि खुद भी एंजॉय कर सकें और उनका रिश्ता भी बरकरार रहे।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





