Weird and Rare Phobia : आपने ऐसे कई लोग देखे होंगे जिन्हें पानी से डर लगता है। या फिर ऊँचाई से। या अंधेरे से। ये दरअसल फोबिया होता है जो कई लोगों को अलग अलग वस्तुओं-स्थितियों से हो सकता है। फोबिया एक प्रकार का मानसिक विकार या एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर होता है जिसमें व्यक्ति को किसी खास वस्तु, स्थिति या प्राणी से बिना कारण बहुत ज्यादा डर लगता है। ऐसा उस स्थिति में भी हो सकता है जब वास्तविकता में वो चीज़ हानिकारक न हो।
फोबिया सिर्फ डर महसूस होने तक ही सीमित नहीं होता बल्कि कई बार इस कारण गंभीर शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे कि पसीना आना, तेज़ धड़कन, घबराहट, सांस फूलना या बेहोशी तक आ जाना। अगर हम सबसे आम फोबिया की बात करें तो इनमें ऊंचे स्थानों (जैसे छत, पहाड़) पर चक्कर या घबराहट होना, बंद जगहों से डर जैसे लिफ्ट या छोटी गाड़ी में, मकड़ियों से डर मकड़ी देखकर पैनिक होना, टीवी पर भी साँपों को देखकर डर जाना, सुई या इंजेक्शन से डर वैक्सीनेशन से पहले अत्यधिक तनाव या बेहोशी और सार्वजनिक स्थान पर बोलने से अजनबियों से बातचीत करने से डर लगना शामिल है। लेकिन कई लोगों को कुछ बेहद अजीबोगरीब तरह के फोबिया भी होते हैं।

दुनिया के कुछ अजीबोगरीब फोबिया
किताबों से डरना एक सामान्य बात है खासकर बचपन में जब स्कूल जाना पसंद न हो या होमवर्क न किया हो या कोई बहुत ही सख्त टीचर मिल जाए। लेकिन इससे अलावा भी किताबों से जुड़ा एक फोबिया है जिसमें जिसमें व्यक्ति को किताबों से अत्यधिक और अकारण भय महसूस होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही असामान्य फोबिया के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. ट्रिपोफोबिया (Trypophobia): इसमें व्यक्ति को छोटे-छोटे छेदों या अनियमित पैटर्न को देखकर डर लगता है। उदाहरण के लिए, मधुमक्खी के छत्ते या कमल के बीजों की सतह को देखकर कुछ लोगों को घबराहट होती है। यह फोबिया हाल के वर्षों में इंटरनेट पर वायरल तस्वीरों के कारण चर्चा में आया। हालांकि यह अभी पूरी तरह से DSM-5 (मनोरोग निदान मैनुअल) में शामिल नहीं है, लेकिन कई लोग इसके लक्षणों का अनुभव करते हैं।
2. नोमोफोबिया (Nomophobia): इन दिनों मोबाइल ने हमारे जीवन पर जैसे कब्जा जमा लिया है। ये उसी से जुड़ा फोबिया है। कुछ लोगों को मोबाइल फोन से दूर रहने या उसका संपर्क खोने का अत्यधिक डर होता है। आज के समय में ये तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में जो अपने फोन के बिना असुरक्षित महसूस करते हैं। इसका नाम “No Mobile Phone Phobia” से आया है।
3. कूलरोफोबिया (Coulrophobia): क्या आपको भी हॉरर फिल्मों में जोकर देखकर डर लगता है। ये तो एक सामान्य बात है..लेकिन कई लोगों को वास्तव में जोकरों (क्लाउन) से डर महसूस होता है। यह फोबिया अक्सर जोकरों की अतिशयोक्तिपूर्ण और अप्राकृतिक बनावट या हॉरर फिल्मों (जैसे स्टीफन किंग का “इट”) के कारण होता है।
4. एब्ल्यूटोफोबिया (Ablutophobia): क्या आपको नहाना पसंद है। क्या आप रोज़ नहाते हैं। आपको ये सवाल अजीब महसूस हो सकता है लेकिन कई लोगों को नहाने या साफ-सफाई से डर लगता है। ये फोबिया उन लोगों में देखा जाता है जो सफाई की प्रक्रिया को असहज या डरावना मानते हैं और इस कारण वे व्यक्तिगत स्वच्छता से बचते हैं। यह बच्चों में अधिक आम है, लेकिन वयस्कों में भी हो सकता है।
5. वेनस्ट्राफोबिया (Venustraphobia): सुंदर महिलाएं तो सभी को आकर्षित करती हैं। अगर आप भी ये मानते हैं तो इस थ्योरी को ये फोबिया गलत साबित कर सकता है। कुछ लोगों को सुंदर महिलाओं से भी डर लगता है। यह एक सामाजिक फोबिया हो सकता है जहां व्यक्ति सुंदर महिलाओं के सामने असहज या हीन महसूस करता है। यह आत्मविश्वास की कमी या सामाजिक चिंता से जुड़ा हो ता है।
6. अराकिब्यूटायरोफोबिया (Arachibutyrophobia): ये बात आपको असामान्य लग सकती है लेकिन कुछ लोगों को पीनट बटर के गले में चिपकने का डर होता। यह एक बहुत ही विशिष्ट और दुर्लभ फोबिया है, जो खाने से संबंधित चिंता से उत्पन्न हो सकता है। हालांकि ये काफी कम लोगों में देखा जाता है।
7. हेक्साकोसियोइहेक्सेकोन्टाहेक्साफोबिया (Hexakosioihexekontahexaphobia): संख्या 666 से डर। जी हां..ये यह अंधविश्वास से जुड़ा मामला है क्योंकि बाइबल में 666 को “शैतान का अंक” माना गया है। कुछ लोग इस संख्या से बचने के लिए अपनी जन्मतिथि या अन्य महत्वपूर्ण तारीखें तक बदल लेते हैं।
फोबिया के कारण
फोबिया के कई कारण हो सकते हैं जिनमें बचपन में कोई डरावना अनुभव, जैसे कुत्ते का काटना, जिससे कुत्तों का फोबिया (साइनोफोबिया) विकसित हो सकता है अगर परिवार में किसी को कोई फोबिया है तो बच्चे इसे सीख सकते हैं। कई बार मीडिया या समाचारों से प्राप्त जानकारी, जैसे कैंसर या दुर्घटनाओं के बारे में, ये भी किसी फोबिया को ट्रिगर कर सकती है। वहीं, ये आनुवंशिक या मनोवैज्ञानिक वजहों से भी होते हैं कुछ लोगों में एंग्जाइटी डिसऑर्डर की प्रवृत्ति जन्मजात हो सकती है।
फोबिया का इलाज
फोबिया का इलाज संभव है और इसके लिए सबसे पहले किसी विशेषज्ञ या मनोवैज्ञानिक से मिलना और सलाह लेना बेहद आवश्यक है। इलाज की बात करें तो इसमें संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है, जिसमें व्यक्ति को नियंत्रित तरीके से डर का सामना कराया जाता है ताकि वह धीरे-धीरे उससे सहज हो जाए। कुछ गंभीर मामलों में एंग्जाइटी कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन यह आमतौर पर थेरेपी के साथ ही दी जाती हैं। एक्सपोजर थेरेपी भी इसके लिए कारगर है जिसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे डर की वस्तु या स्थिति के संपर्क में लाया जाता है। उदाहरण के लिए, किताबों से डर होने पर पहले किताबों को देखने, फिर छूने और आखिर में पढ़ने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। सकारात्मक सोच और ध्यान भटकाने की तकनीक भी मदद करती हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। विशेषज्ञ का परामर्श अपेक्षित।)