भारत के इतिहास में मुगलों का शासन रहा है। यह एक ऐसा दौर था जब बाहर से आए लोगों ने धीरे-धीरे देश में कब्जा करना शुरू किया और पूरे भारत में छा गए। इन्होंने अपनी आवाम के लिए अपनी निष्ठा और जिम्मेदारियों को समझा और उसे निभाया भी। इनमें से कुछ बादशाह ऐसे हुए जिन्होंने अपने जीवन में आम लोगों के लिए काफी कुछ किया। भारत में उन्होंने एक से बढ़कर एक किले, इमारतें बनवाईं, जो आज भी हमारे देश की धरोहर के रूप में जानी जाती हैं। इनका पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान है, जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की जाती है, जिनमें लाल किला, ताजमहल, आगरा किला सहित अन्य कई मकबरे आदि शामिल हैं।
मुगलों पर आधारित कई सारी फिल्में और धारावाहिक भी बनाई गई हैं। अक्सर इनमें आपने हरम का नाम सुना होगा, जहां सीक्रेट गतिविधियां हुआ करती थीं।
इन लोगों को थी हरम में जाने की इजाजत
आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर मुगलों के समय में जो हरम हुआ करते थे, वहां क्या होता था, उस जगह पर किन-किन लोगों को जाने की इजाजत थी। मुगल काल के दौरान कई सारी कलाएं ऐसी भी थीं जो आज भी चर्चा का विषय हैं, जिनमें से एक हरम का भी बहुत ज्यादा चलन था। सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि हरम एक ऐसा स्थान होता था, जो बादशाह बाबर से लेकर बहादुर शाह ज़फर तक चलन में रहे थे। यहां बादशाह के अलावा किसी अन्य मर्द को घुसने की अनुमति नहीं थी। यहां रहने वाली रानियों और दासियों की देखभाल किन्नर किया करते थे।
सुविधाएं होती थी उपलब्ध
इतिहासकारों की मानें तो मुगलों के हरम में मुगल बादशाह अपनी थकान मिटाने के लिए जाया करते थे। इसके अलावा, महिलाओं से संबंध भी बनाते थे। इसे रंग-गलियों का अड्डा भी माना जाता था। यहां कई तरह की सुविधाएं रानियों और दासियों के लिए उपलब्ध कराई जाती थीं। जब बादशाह यहां आराम किया करते थे, तब यहां नाच-गान हुआ करता था और शरबत आदि भी पी जाती थी।
छूपा है रहस्य
इसके अलावा, मुगल हरम के कई ऐसे कोने रहे हैं जो अपने आप में रहस्यमय हैं। इतिहासकारों का मानना है कि बादशाह दासियों को इसमें सजा भी दिया करते थे। चाहे वह महिला हो या किन्नर, उनसे यदि कोई गलती हो जाए तो उन्हें इन कोनों में लिखवा दिया जाता था। यही उनका दंड हुआ करता था। तहखाने में फांसी घर भी था, जहां कई लोगों को मौत की सजा मुकम्मल की जाती थी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





