Door Slamming Anger: क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गुस्से में आने पर लोग अक्सर दरवाजा जोर से बंद करते हैं या उसे लात मारते हैं? ऐसा क्यों होता है? क्या आपने कभी सोचा है कि गुस्सा निकालने के लिए दरवाजा ही क्यों चुना जाता है?
दरअसल इसके पीछे एक दिलचस्प वैज्ञानिक कारण है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि गुस्से में दरवाजा बंद करने की आदत के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और यह हमारे मानसिक स्थिति पर कैसे असर डालते हैं।
गुस्से में दरवाजा बंद करने का मनोवैज्ञानिक कारण
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार गुस्से में दरवाजा बंद करने की आदत को ‘डोरवे इफेक्ट’ कहा जाता है। जब हम गुस्से में होते हैं, तो हमारा मस्तिष्क तनाव से घिरा होता है और हमारी भावनाएं बहुत तेजी से बाहर आना चाहती है। ऐसे में हम किसी वस्तु या क्रिया के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना चाहते हैं।
दरवाजा बंद करना इस स्थिति में एक स्वाभाविक प्रक्रिया बन जाती है, जो हमें अपने गुस्से को बाहर निकालने का एक तरीका प्रदान करती है। दरवाजा जोर से बंद करने से हमें मानसिक शांति मिलती है, जैसी हमने अपने अंदर की ऊर्जा को बाहर फेंक दिया हो।
गुस्से में दरवाजा बंद करने से तनाव कम कैसे होता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार दरवाजा बंद करने से एक प्रकार का वेटिंग इफेक्ट उत्पन्न होता है। जब हम गुस्से में दरवाजा जोर से बंद करते हैं, तो उसे आवाज से हमारे दिमाग पर एक खास असर पड़ता है।
यह तेज आवाज हमारी मानसिक संतुलन को बहाल करने में मदद करती है और भावनाओं को शांत करने का काम करती है। इसे कुछ हद तक चिल्लाने के समान माना जा सकता है, क्योंकि यह हमारे भीतर के तनाव और गुस्से को बाहर निकालने का एक तरीका है। इस प्रक्रिया से हमें राहत मिलती है और गुस्सा धीरे-धीरे शांत होता है।