शहरों में ग्लास की बिल्डिंग्स बन रहीं नई पहचान, सिर्फ दिखने में ही खूबसूरत नहीं, फायदे भी हैं जबरदस्त!

अमूमन आपने कई सारी इमारतें ऐसी देखी होंगी, जो कांच की बनी होती हैं। यह सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ यह काफी ज्यादा डिज़ाइनर भी होती हैं। इन्हें नीचे से देखने पर ऐसा लगता है जैसे मानो यह सभी ऊंची इमारतें आकाश को छू रही हों।

भारत या पूरी दुनिया में शहरों की कोई कमी नहीं है। इन सभी की अलग-अलग खासियत है। कुछ शहर ऐसे हैं जो काफी ज्यादा महंगे हैं, तो कुछ शहर ऐसे हैं जो आम लोगों के रहने, खाने के लिए काफी सस्ते भी माने जाते हैं। कुछ शहर नाइट लाइफ के लिए प्रसिद्ध हैं, तो कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां छात्रों की भारी संख्या में जमावड़ा देखने को मिलता है। कुछ शहर ऐसे हैं जो कपड़ों के लिए विख्यात हैं, तो कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां पर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज लगी हुई हैं। यहां की बनावट काफी अलग होती है। शहरों में जाते ही आपको ऊंची-ऊंची बिल्डिंग नजर आने लगती हैं। इन्हें नीचे से देखने पर ऐसा लगता है जैसे मानो यह सभी ऊंची इमारतें आकाश को छू रही हों।

इन ऊंची इमारतों के ऊपर लाल रंग की बत्ती भी लगाई जाती है, ताकि नाइट में उड़ने वाले फ्लाइट्स को यह सिग्नल मिल सके कि आपको कितनी ऊंचाई पर उड़ना है, क्योंकि यहां पर बिल्डिंग बनी हुई है। लाल रंग खतरे को दर्शाता है।

मन में आया होगा सवाल

अमूमन आपने कई सारी इमारतें ऐसी देखी होंगी, जो कांच की बनी होती हैं। यह सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ यह काफी ज्यादा डिज़ाइनर भी होती हैं। इन्हें देखकर क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर क्यों अधिकतर ऊंची और मॉडर्न इमारतें कांच से ही बनाई जाती हैं?

देखने में होता है आकर्षक

शहरों में खासकर इमारत की बनावट और डिजाइन काफी अलग और आधुनिक दिखाई देती है, जिनकी खास बात यह होती है कि यह काफी ऊंची होती हैं और इनकी ज्यादातर दीवारें ग्लास से बनी होती हैं। दूर से देखने पर यह बहुत ही ज्यादा आकर्षक और स्टाइलिश नजर आती हैं। डिजाइन के अलावा वैज्ञानिक और व्यावहारिक सोच भी इसमें शामिल होती है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

इसलिए होता है कांच का इस्तेमाल

  • दरअसल, कांच से बनी इमारत का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें प्राकृतिक रोशनी सीधे अंदर आती है, जिससे दिन के समय लाइट्स की जरूरत ना के बराबर पड़ती है। ऐसे में बिजली की खपत कम होती है और इलेक्ट्रिसिटी बिल भी कम लगता है।
  • कांच से बनी इमारत के लिए खास प्रकार के इंसुलेटेड ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है, जो बाहर की गर्मी या ठंड को अंदर नहीं आने देता। इससे एयर कंडीशनर या हीटर के उपयोग की आवश्यकता बहुत ही कम पड़ती है। ऐसे में ऊर्जा की बचत होती है, साथ ही पर्यावरण पर भी इसका पॉजिटिव असर पड़ता है।
  • आजकल जो ग्लास से इमारतें बनाई जा रही हैं, वह भूकंप, तूफान या किसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में सक्षम हैं। इसलिए आजकल जितनी भी इमारतें नई बनाई जा रही हैं, उनमें ग्लासेस का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि पूरी तरह से शॉक प्रूफ और वेदर रेसिस्टेंट होता है। जिस कारण नमी और मौसम की मार का इस पर कोई खास नुकसान नहीं होता और यह देखने में भी बहुत ही लाजवाब लगता है।
  • आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कांच से बनी इमारत में आग लगने का खतरा भी बहुत कम होता है। यदि किसी कारणवश आग लग भी जाती है, तो कांच की बनावट की वजह से धुआं और गर्मी जल्दी बाहर निकल जाती है, जिससे जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं होता।
  • कांच की दीवारों पर धूल और गंदगी बहुत ही कम जमती है। साफ करना अन्य दीवारों की तुलना में काफी ईज़ी होता है। साथ ही रखरखाव की लागत में भी कमी आती है और बिल्डिंग लंबे समय तक नई और अट्रैक्टिव दिखती है।
  • ग्लास से बनी इमारतें देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत, मॉडर्न और प्रोफेशनल लगती हैं। इसलिए अधिकतर कॉरपोरेट कंपनियां और मल्टीनेशनल फर्म्स कांच से बिल्डिंग तैयार करते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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