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Sun, Dec 7, 2025

फूल नहीं खिल रहे? बस इन 5 बातों का ध्यान रखें, फिर दिखेगा कमाल

Written by:Bhawna Choubey
अगर आपके गुड़हल के पौधे में लंबे समय से फूल नहीं आ रहे, तो इसके पीछे हो सकते हैं ये 5 आम कारण। जानिए सही धूप, पानी, खाद और मिट्टी का चुनाव कैसे आपके पौधे में फिर से खिलखिलाहट लौटा सकता है।
फूल नहीं खिल रहे? बस इन 5 बातों का ध्यान रखें, फिर दिखेगा कमाल

अगर आप भी हर सुबह अपने बगीचे में जाते हैं और गुड़हल के पौधे को देखकर यही सोचते हैं इतना बड़ा पौधा है, फिर भी फूल क्यों नहीं आ रहे? तो आप अकेले नहीं हैं। बहुत से लोग इस समस्या का सामना करते हैं। गुड़हल (Hibiscus) का पौधा देखने में जितना सुंदर होता है, उतना ही यह संवेदनशील भी है। इसकी खूबसूरती तभी निखरती है जब इसे सही देखभाल मिले न ज्यादा धूप, न ज्यादा पानी, और सही मात्रा में खाद।

लेकिन अगर इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दिया जाए, तो पौधा सिर्फ पत्तियों तक सीमित रह जाता है और फूल देने से इंकार कर देता है। तो आइए जानते हैं गुड़हल के पौधे में फूल न आने के 5 बड़े कारण और उनके उपाय, जिससे आपका पौधा फिर से खिल उठेगा।

1. धूप की कमी

गुड़हल एक ऐसा पौधा है जो धूप से प्यार करता है। अगर आपके पौधे को रोज़ाना 4 से 6 घंटे की सीधी धूप नहीं मिल रही, तो उसमें फूल आना लगभग नामुमकिन है। जब पौधा छांव या इनडोर एरिया में रखा जाता है, तो वह केवल हरे पत्ते देता है, फूल नहीं। पौधे को ऐसी जगह रखें जहां उसे सुबह की हल्की और दोपहर की मध्यम धूप मिले। बहुत तेज़ गर्मी के समय पौधे को शेड नेट या हल्के पर्दे की आड़ में रखें। अगर पौधा इनडोर है, तो उसे हफ्ते में 3 बार बाहर धूप में रखें। सर्दियों में गुड़हल को दिन में कम से कम 5 घंटे धूप में रखना जरूरी होता है, तभी फूल खिलते हैं।

2. पानी की गलत मात्रा

गुड़हल के पौधे को पानी की नमी पसंद है, लेकिन जलभराव नहीं। अगर मिट्टी बहुत सूखी है, तो पौधा फूल बनाने की प्रक्रिया रोक देता है। वहीं, जरूरत से ज्यादा पानी देने पर जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा कमजोर होकर फूल देना बंद कर देता है। गर्मियों में रोज़ हल्का पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी सिर्फ नमीदार हो, गीली नहीं। सर्दियों में हर 2–3 दिन में पानी दें। मिट्टी में ड्रेनेज होल (निकास छेद) जरूर बनाएं ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके। मिट्टी की ऊपरी सतह अगर सूख गई हो, तभी पानी दें।

3. खाद का असंतुलन

कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा खाद डालने से पौधे में ज्यादा फूल आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। ज्यादा नाइट्रोजन वाली खाद पौधे में सिर्फ पत्ते बढ़ाती है, फूल नहीं। फूलों के लिए पौधे को फॉस्फोरस (P) और पोटैशियम (K) की जरूरत होती है। महीने में दो बार गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट दें। फूलों के लिए बोन मील या DAP और MOP मिश्रण का हल्का घोल बना सकते हैं। खाद डालने के बाद हमेशा पानी दें। हर महीने एक बार नीम खली या केले के छिलके का पाउडर देना पौधे को फूलने के लिए ऊर्जा देता है।

4. गलत मिट्टी या पुरानी मिट्टी

अगर आपका पौधा कई सालों से एक ही गमले में है और आपने कभी मिट्टी नहीं बदली, तो यह भी एक बड़ा कारण है फूल न आने का। पुरानी मिट्टी पोषक तत्व खो देती है और सख्त होकर जड़ों की ऑक्सीजन को रोक देती है। हर 6–8 महीने में पौधे के किनारों की मिट्टी निकालकर नई, पोषक मिट्टी डालें। मिट्टी में 40% गार्डन सॉइल, 30% गोबर की खाद, 20% बालू और 10% कोकोपीट मिलाएं। ध्यान रखें कि मिट्टी ढीली और ड्रेनेज वाली हो ताकि पानी जमा न रहे। हर साल वसंत ऋतु में पौधे की रीपॉटिंग करने से फूल आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

5. कीड़े और फफूंद

गुड़हल के पौधे की पत्तियों पर सफेद कीड़े, अफ़िड्स (aphids) या चींटियां लगना आम बात है। ये कीट पौधे की नई कली को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे फूल नहीं खिल पाते। हफ्ते में एक बार नीम तेल का स्प्रे करें (5ml नीम तेलऔर 1 लीटर पानी)। अगर कीड़े ज्यादा हैं तो ऑर्गेनिक कीटनाशक जैसे नीम खली का उपयोग करें। पत्तियों को नियमित रूप से साफ करते रहें ताकि फफूंद न पनपे। सुबह-सुबह स्प्रे करने से दवा ज्यादा असरदार होती है।

गुड़हल के पौधे को फूलों से भरने के टिप्स

  • फूल आने के सीजन मार्च से अक्टूबर में पौधे को नियमित रूप से छांटें।
  • पुरानी सूखी शाखाओं को काटें, ताकि नई कली बनने की जगह मिले।
  • बारिश के मौसम में पौधे को ऐसी जगह रखें जहां पानी जमा न हो।
  • गुड़हल को कभी-कभी गुनगुने पानी से भी धो सकते हैं, इससे फफूंद नहीं लगती।