हिंदू शादी में रस्में और रीति-रिवाज रात में क्यों होती है पूरी, जानें ये खास वजह

हिंदू धर्म में शादी का बहुत बड़ा महत्व है। इसमें सभी समुदाय के लोग अलग-अलग रस्मों के साथ शादी को संपन्न करते हैं। इस दौरान सभी देवी-देवताओं का विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।

Sanjucta Pandit
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Shadi Marriage Vivah

Wedding Rituals : शादी-ब्याह हिंदु धर्म में बहुत ही सौभाग्य की बात मानी जाती है। यह दो लोगों का पवित्र बंधन माना जाता है, जब दो परिवार के लोग भी उनकी खुशियों में शामिल होते हैं और तरह-तरह की रस्में निभाकर विवाह को संपन्न करवाते हैं। विवाह बंधन के साथ-साथ वंश बढ़ाने का जरिया भी होता है। इसे सात जन्मों का पवित्र रिश्ता माना जाता है, जब दो आत्माओं का मिलन होता है। इसलिए बहुत सारे रीति रिवाजों का पालन किया जाता है।

आपने शादियों को होते हुए रात में ही देखा होगा। क्या आपके मन में कभी यह प्रश्न नहीं उठता कि आखिर शादी रात में ही क्यों किए जाते हैं, इसके पीछे क्या कारण है।

क्यों होती है रात में शादी (Wedding Rituals)

शास्त्रों के अनुसार, रात के समय शादी होने की ज्योतिष कारण है। जिसके अनुसार, ध्रुव तारा को इसका सबसे बड़ा कारण माना गया है। यह स्थिरता का प्रतीक भी होता है। ध्रुव तारा आसमान में उस समय दिखाई देता है, जब दूल्हा-दुल्हन फेरे लेते हैं और यह सिर्फ रात के समय ही नजर आता है, इसलिए रात में शादी करना बेहद शुभ माना जाता है। ध्रुव तारा को शुक्र तारा भी कहा जाता है, जो कि प्रेम के कारक माने जाते हैं। शादी के दौरान यदि ध्रुव देख लिया जाए, तो उनके रिश्ते में मधुरता आती है। दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है और पति-पत्नी के बीच हमेशा प्यार बना रहता है, इसलिए रात के समय शादी कराई जाती है। वहीं, लड़की वालों के तरफ से विदाई आखिरी रसम होती है, शादी की रस्म से पहले दूल्हा दुल्हन फेर लेते हैं।

शादी का महत्व

खरमास के पहले शादी का लग्न है, लेकिन इसके बाद एक महीने के लिए शादी ब्याह बंद हो जाएंगे। हिंदू धर्म में शादी का बहुत बड़ा महत्व है। इसमें सभी समुदाय के लोग अलग-अलग रस्मों के साथ शादी को संपन्न करते हैं। इसकी शुरुआत माटी-मटकोर के साथ की जाती है। इसके बाद एक से बढ़कर एक रस्म निभाई जाती है। हिंदू धर्म में हर व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते हैं, जिनमें से एक विवाह भी शामिल है। इस दौरान सभी देवी-देवताओं का विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। दूल्हा-दुल्हन को इस दौरान तरह-तरह के रीति-रिवाज निभाने होते हैं। पूरे विधि-विधान और रस्मों के साथ एक पुरुष और स्त्री दांपत्य जीवन के लिए एक-दूसरे का हाथ थामते हैं, जो 7 जन्मों के लिए एक-दूसरे के होने का वचन लेते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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