लाइफस्टाइल, डेस्क रिपोर्ट | भारत एक आस्था का देश है जहां गांव,शहर सभी जगहों पर देवी, देवताओं का वास होता है। यहां पूरब में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम की द्वारका तक, उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण के कन्याकुमारी तक हर कोने में देवी देवताओं का वास होता है। कहते हैं यहां भगवान स्वयं वास करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते है। सभी की इच्छाओं को पूरा भी करते हैं साथ ही, उनके कष्टों का निवारण भी करते हैं। इसके अलावा भारत के हर कोने में ऋषि-मुनियों का भी वास रहा है। ऐसे में भारत के हर कोने में ऐसी कई सारी रहस्यमयी जगहें हैं, जहां से अब तक उन राज पर से पर्दाफाश नहीं हो पाया है, तो चलिए आज के आर्टिकल में हम ऐसी ही एक रहस्यमयी गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपको आश्चर्य जरुर होगा।
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दरअसल, हम असम राज्य के दिमा हासो जिले की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी पक्षियों का सुसाइड प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। यहां पर एक नहीं दो नहीं बल्कि झुंड-के-झुंड पक्षी आत्महत्या करते हैं। जिन का समय शाम के 7 बजे से लगभग रात के 10 के बीच का होता है। जिसे लेकर अब तक कोई यह नहीं पता लगा सका कि उनके एक साथ यहां मौत की पीछे क्या वजह है? क्यों हो रात के अंधेरे में रोशनी के आसपास उड़ते उड़ते मदहोश होकर इधर-उधर टकराकर मर जाते हैं।
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यहां अक्सर जब भी आप सुबह-सुबह घूमने निकल निकलेंगे तो रास्ते में आपको ढेर सारे पक्षी मरे हुए मिलेंगे। सोचने वाली बात तो यह है कि यहां एक नहीं बल्कि हजारों हजारों पक्षी एक साथ मौत को गले लगा लेते हैं। जिनमें एक प्रकार की ही नहीं बल्कि कई प्रकार के प्रजाति के पक्षी शामिल होते हैं जैसे – किंगफिशर, टाइगर बाइटेन और सभी भी कई प्रकार के प्रजाति शामिल हैं। बता दें कि इस घटना के होने का समय शाम 7 बजे से लगभग रात के 10 बजे तक ही निर्धारित है। अपने निर्धारित समय में पक्षी धीरे-धीरे स्ट्रीट लाइट की ओर बढ़ने लगते हैं और उसके चारों तरफ घूमते-घूमते मदहोश हो जाते हैं और अंततः गिर कर उनकी मौत हो जाती है।
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वहीं, स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि यह भूत-प्रेत की लीला है। हालांकि, कई पक्षी वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घटना के पीछे चुंबकीय शक्ति हो सकती है और जब कोहरे के मौसम में हवा तेज गति से चलती है तो पक्षी गर्म पाने के लिए रोशनी के आसपास उड़ने लगते हैं। ऐसे में वह मदहोश हो जाते हैं और तेजी से उड़ने के कारण इधर-उधर टकराकर मर जाते हैं।
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