हाई स्पीड ट्रेनों को चमकदार और सुरक्षित रखने के लिए उन पर पानी छिड़का जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सिर्फ सफाई के लिए नहीं है? जापान की शिंकानसेन और यूरोप की TGV जैसी ट्रेनों पर पानी छिड़कने के पीछे तकनीकी और परफॉर्मेंस से जुड़े कई कारण हैं। ये प्रक्रिया ट्रेनों को तेज़, सुरक्षित और टिकाऊ बनाए रखती है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी।
हाई स्पीड ट्रेनें, जैसे जापान की शिंकानसेन या फ्रांस की TGV, 300 किमी/घंटा से भी ज़्यादा की रफ्तार से दौड़ती हैं। ऐसी रफ्तार पर ट्रेन का हर हिस्सा परफेक्ट हालत में होना ज़रूरी है। पानी छिड़कना इन ट्रेनों की मेंटेनेंस का अहम हिस्सा है। ऑटोमैटिक वाशिंग प्लांट्स में ट्रेनों पर प्रेशर वॉटर और ब्रश से सफाई की जाती है। लेकिन ये सिर्फ धूल हटाने के लिए नहीं, बल्कि ट्रेन को ठंडा करने, घर्षण कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी है। ये प्रक्रिया ट्रेनों को जंग से बचाती है और उनकी एयरोडायनामिक परफॉर्मेंस को बनाए रखती है।

सफाई का पहला कदम
ट्रेनों पर पानी छिड़कने की सबसे बड़ी वजह है उनकी बाहरी सफाई। भारतीय रेलवे में ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट्स, जैसे टाटा में साउथ ईस्ट रेलवे का प्लांट, 7-8 मिनट में 20 कोच वाली ट्रेन को चमका देते हैं। बड़े ब्रश धूल हटाते हैं, और हाई-प्रेशर वॉटर गंदगी साफ करता है। ये न सिर्फ ट्रेन को साफ-सुथरा बनाता है, बल्कि यात्रियों के लिए हाइजीन भी सुनिश्चित करता है। जापान की शिंकानसेन ट्रेनें अपनी बेदाग चमक के लिए मशहूर हैं, और वहां हर ट्रिप के बाद पानी से सफाई की जाती है।
टेम्प्रेचर को कंट्रोल करना
पानी छिड़कने से ट्रेन की सतह और व्हील्स का टेम्प्रेचर कम होता है। खासकर जापान और यूरोप में, जहां ट्रेनें 320 किमी/घंटा तक की स्पीड से चलती हैं, ब्रेकिंग और रेल के साथ घर्षण से गर्मी पैदा होती है। पानी का छिड़काव इन हिस्सों को ठंडा करता है, जिससे मेटल में टूट-फूट या डिफॉर्मेशन का खतरा कम होता है। ये प्रक्रिया ट्रेन की लाइफ बढ़ाने में मदद करती है।
घर्षण कम कर ट्रैन को तेज़ और स्मूथ राइड के लिए तैयार करना
रेल्स और व्हील्स पर पानी छिड़कने से घर्षण (फ्रिक्शन) कम होता है। जापान की शिंकानसेन में कुछ मामलों में रेल्स पर पानी का हल्का छिड़काव किया जाता है ताकि व्हील्स की ग्रिप और स्मूथनेस बनी रहे। इससे ट्रेन की स्पीड और स्टेबिलिटी बढ़ती है। खासकर बारिश या बर्फीले मौसम में, ये तकनीक ट्रेन को स्किडिंग से बचाती है। साथ ही, पानी की हल्की परत धूल और छोटे कणों को हटाकर रेल्स को साफ रखती है, जो ट्रेन की परफॉर्मेंस के लिए ज़रूरी है।
ट्रेन की उम्र बढ़ाना
बॉडी और पार्ट्स महंगे मटेरियल, जैसे स्टेनलेस स्टील और एल्यूमिनियम, से बने होते हैं। बारिश, धूल और नमी से इनमें जंग लगने का खतरा रहता है। नियमित रूप से पानी छिड़ककर और सफाई करके ट्रेन की सतह को जंग से बचाया जाता है। ऑटोमैटिक वाशिंग प्लांट्स में इस्तेमाल होने वाला पानी और केमिकल्स ट्रेन की सतह पर प्रोटेक्टिव लेयर बनाते हैं। ये प्रक्रिया खासकर तटीय इलाकों में, जहां नमक की मात्रा ज़्यादा होती है, बहुत ज़रूरी है।