मां, बहन, बेटी, बहु, दोस्त यह हमारे जीवन से जुड़े ऐसे रिश्ते हैं, जिनके बिना हम अधूरे हैं। अगर यह रिश्ते ना हो इन्हें निभाने वाले लोग न हो तो शायद हर इंसान अकेला पड़ जाए। सबसे खास बात यह है कि सारे रिश्ते एक स्त्री से जुड़े हुए हैं। स्त्री पूरा संसार है, जो इस जग को रोशन करती है। इन्हीं के सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
आज 8 मार्च है और महिलाओं के सम्मान में एक बार फिर दुनिया भर में इंटरनेशनल वूमेंस डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस बात से तो हम सभी हामी भरते हैं कि महिला की भूमिका का जीवन में कितनी जरूरी है। वो चाहे मां के रूप में हो, बेटी या फिर दोस्त यह हमें संबल देने और जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति प्रदान करती हैं। आपके जीवन में भी कोई ना कोई ऐसी स्त्री जरूर होगी जो बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। चलिए आज आपको कुछ खास संदेश बताते हैं, जो आप उन्हें भेज सकते हैं।
महिला दिवस शुभकामनाएं (Women’s Day Wishes)
कहते हैं लोग तेरा क्या अस्तित्व है नारी,
दुखों को दूर कर खुशियां बिखेरती है नारी।
Happy International women’s Day
आंचल में जिसके ममता, नैनों से जो पिए आंसू,
सौंप दे अपना पूरा जीवन, फिर क्यों आहत हो उसका मन
Happy Women’s Day 2025
जीतना हो अगर इस दुनिया को तो कभी ना हारो अपनी हिम्मत
तुम सफलता का जीता स्वरूप हो।
नारी काली, नारी सीता
नारी है प्रेम की मूरत
नारी कोमल, नारी कठोर
नारी बिना ना नर का छोर
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं।
मां, बहन, प्रेमिका, पत्नी हर किरदार निभाती हो,
नारी तुम तो सब कुछ मुमकिन कर जाती हो।
महिला दिवस की शुभकामनाएं।
हर दुख सहकार वो मुस्कुराती है
पत्थरों की दीवारों को घर बनाती है।
सभ्यता का युग तब आएगा,
जब बिन मर्जी कोई औरत को हाथ नहीं लगाएगा।
जो जन्म देती है, जो मौत से बचाती है।
जो आगे बढ़ाती है, वो औरत कहलाती है।
हैप्पी वूमेंस डे
कैसे हुई महिला दिवस की शुरुआत
आजकल महिलाओं को हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाते और पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए देखा जा रहा है। इस मुकाम तक पहुंचना महिलाओं के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। एक समय ऐसा भी था जब ना उन्हें पढ़ने की आजादी थी। ना ही वोट देने की और उन्हें पुरुषों से कम आंका जाता था।
अपने साथ हो रही इस असमानता का 1908 में न्यूयॉर्क शहर की महिलाओं ने विरोध किया। लगभग 15000 महिलाओं ने एक विशाल प्रदर्शन किया। वह यहां कम वेतन, बेहतर काम की स्थिति और वोटिंग का अधिकार मांग रही थी। इस आंदोलन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी और खींच लिया। इसके बाद 1910 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ। यहां महिलाओं के अधिकारों और समानता को समर्पित करने के लिए हर साल महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। कई देशों ने इस प्रस्ताव को अपनाया और 1911 में ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क जैसी जगहों पर इंटरनेशनल वूमेंस डे सेलिब्रेट किया गया।
क्यों चुना 8 मार्च का दिन
यह 1917 का समय था जब रूस में बड़ी क्रांति हुई थी। इस समय महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए युद्ध के खिलाफ आवाज उठाई और बेहतर अधिकारों की मांग की। आंदोलन इतना प्रचंड था कि वहां की सरकार को झुकना पड़ा और महिलाओं को वोटिंग का अधिकार प्राप्त हुआ। ये प्रदर्शन 8 मार्च को किया गया था इसलिए इस दिन महिला दिवस मनाया जाता है। 1977 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया था। इसके बाद से यह महिलाओं के सम्मान और उनके हक की लड़ाई का प्रतीक बन गया।





