क्या आपको पता है कि लकड़ी की खड़ाऊ सिर्फ पहनने की चीज़ नहीं बल्कि घर में रखने से भी किस्मत चमक सकती है? ज्योतिष कहता है कि इसे घर में रखो तो सूर्य और गुरु ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, आइए इस पुरानी परंपरा का सीक्रेट जानते हैं
लकड़ी की खड़ाऊ जिसे हम चरण पादुका भी कहते हैं भारत में सदियों से खास मानी जाती है। पुराने ज़माने में ऋषि मुनि और गुरुकुल के बच्चे इन्हें पहनते थे और आज भी मंदिरों में पूजा के दौरान इनका इस्तेमाल होता है। ज्योतिष में इसे सूर्य और गुरु ग्रह से जोड़ा जाता है ऐसा कहा जाता है कि खड़ाऊ को घर में रखने से सूर्य की किरणों से सकारात्मक वाइब्स आती हैं और गुरु ग्रह की कृपा से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है। खास तौर पर सागवान या चंदन की लकड़ी से बनी खड़ाऊ को सबसे ज़्यादा शुभ माना जाता है

खड़ाऊ को शुभ मानने की असली वजह क्या है?
ज्योतिष के हिसाब से लकड़ी की खड़ाऊ कई तरह से फायदा देती है। पहली बात ये सूर्य ग्रह से जुड़ी है जो आत्मविश्वास सम्मान और एनर्जी देता है। इसे पूजा स्थल पर रखने से घर में पॉज़िटिव माहौल बनता है। दूसरी बात गुरु ग्रह जो धन और बुद्धि का कारक है वो भी इससे खुश होता है। चंदन की खड़ाऊ गुरु ग्रह को शांत करती है, इसके अलावा खड़ाऊ का भगवान राम से भी कनेक्शन है। रामायण में भरत ने राम की खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर उनकी गैरमौजूदगी में राज किया था इसीलिए इसे शुभता का सिम्बल माना जाता है
खड़ाऊ को घर में रखने का सही तरीका क्या है?
अगर आप अपनी किस्मत चमकाना चाहते हो तो खड़ाऊ को सही तरीके से रखना पड़ेगा। सबसे पहले सागवान या चंदन की खड़ाऊ लाओ क्योंकि ये सबसे पवित्र मानी जाती हैं। इसे अपने पूजा स्थल पर रखो लेकिन ज़मीन पर नहीं बल्कि किसी साफ कपड़े पर रखना चाहिए। हर गुरुवार को इसे धोकर चंदन का तिलक लगाओ और धूप दिखाओ। अगर पहनना चाहते हो तो मंदिर में पहनकर पूजा करो। इससे पैरों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स दबते हैं और सेहत भी ठीक रहती है, लेकिन ध्यान रखो गंदे पैरों से इसे मत पहनो नहीं तो इसका शुभ असर कम हो सकता है।