World Animal Day : जानिये क्यों मनाया जाता हैं विश्व पशु दिवस, मिलकर लें उनके कल्याण का संकल्प

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज विश्व पशु दिवस (World Animal Day) है। हर साल 4 अक्टूबर को ये दिन पशुओं के कल्याण के लिए जागरूकता बढ़ाने और लोगों के मन में उनके प्रति करुणा व प्रेम जगाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। आज के दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘धरा के संतुलन के लिए वृक्ष, नदी, पहाड़ के साथ समस्त प्राणियों का होना आवश्यक है। जीव नहीं होंगे, तो धरती का संतुलन बिगड़ेगा और जीवन कठिन हो जायेगा। अत: प्रत्येक जीव से प्रेम करें और उसके संरक्षण के लिए हरसंभव सहयोग करें।’

पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने पकड़ी MP में रफ्तार, इतनी बढ़ गई ईंधन की कीमत, जानें ताजा भाव

24 मार्च 1925 को जर्मनी के बर्लिन स्पोर्ट पैलेस में इसे मनाने की शुरुआत की गई पशु संरक्षण कार्यकर्ता हेनरिक ज़िमरमैन द्वारा। यहां करीब 5 हजार लोग पहुंचे थे और इन्होने पशुओं के प्रति हमारा रवैया कैसा होना चाहिए और उनके कल्याण के लिए किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा की थी। 1931 में इस दिन को तब आधिकारिक मान्यता मिल गई जब इटली के इंटरनेशनल एनिमल प्रोटेक्‍शन कॉंग्रेस ने वर्ल्‍ड एनिमल डे मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। ये लोगों के एकजुट होकर जानवरों के कल्याण के लिए सामने आने का दिन है। जानवरों का जीवन कठिन है खासकर तब जब आधुनिकीकरण और विकास के दौर में जंगल कट रहे हैं, बस्तियां बढ़ रही हैं। ऐसे में हम इंसान मिलकर उनके बारे में सोचें और अनुकूल वातावरण तैयार करें तो उन्हें जीवन जीने में सहायता मिल सकती है।

मनुष्य और पशुओं का जीवन परस्पर निर्भर करता है। इसी के साथ हमारा इनसे स्पेशल बॉन्ड भी है। हमारे घरों में रहने वाले जानवर एक तरह से परिवार के सदस्य ही होते हैं। हमारे संविधान ने भी जानवरों को भी प्राकृतिक रूप से अ्पना जीवन जीने की आजादी दी है। यदि कोई इसमें बाधा बनता है तो उसके लिए कई तरह की सजा का प्रावधान है। विश्व पशु दिवस के दिन हम मिलकर ये संकल्प ले सकते हैं कि पशुओं के कल्याण के लिए अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश करेंगे। हम एनिमल चैरिटी के लिए डोनेट कर सकते हैं या फिर एनिमल शेल्टर में वॉलेंटियर कर सकते हैं या अपनी तरह से उनसे जुड़े मुद्दों के लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर सकते हैं। इस प्रकृति में सभी के लिए खास जगह है और हमें ये कोशिश करनी चाहिए कि हम पशुओं के स्थान पर कब्जा न करें बल्कि उन्हें उनका जीवन आसानी से जीने में सहायक बनें।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News