World Chocolate Day 2022 : कुछ मीठा हो जाए, वर्ल्ड चॉकलेट डे आज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चॉकलेट (Chocolate) भला किसे पसंद न होगी। एक समय लग्ज़री, शौक या स्टेटस सिंबल में शुमार की जाने वाली चॉकलेट अब हमारी ज़िंदगी का हिस्सा हो गई है। ये विदेशी मिठाई है जिसने हमारे घरों और दिलों में खूब जगह बनाई है। और आज इसी चॉकलेट का दिन है..आज विश्व चॉकलेट डे (World Chocolate Day) है।

हर साल 7 जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे पर मनाया जाता हैं। चॉकलेट का इतिहास लगभग ढाई हजार साल पुराना है। एज़्टेक जो कि एक मेसोअमेरिकन संस्कृति थी, उनके द्वारा चॉकलेट की खोज की गई। हालांकि 16वीं शताब्दी तक इसका स्वाद कड़वा ही था। इसमें मिठास घुलने की भी एक कहानी है। कहा जाता है कि साल 1519 में स्पेनिश खोजकर्ता हर्नान कोर्टेस के पास चॉकलेट पहुंची, उन्हें ये पीने के लिए दी गई। शुरू में उन्हें भी इसका स्वाद कड़वा लगा लेकिन फिर वो इसे अपने साथ स्पेन लेकर गए। वहां स्वाद को बैलेंस करने के लिए उन्होने चॉकलेट में शक्कर, वेनिला और दालचीनी मिला दी। इस तरह इसका मीठा स्वाद दुनिया को पता चला। धीरे धीरे ये लोकप्रिय हुई और यूरोप में 7 जुलाई 1550 को पहली बार चॉकलेट डे मनाया गया। बस उसके बाद से हर साल इसे मनाने का रिवाज़ पड़ गया जो ब भी कायम है। हालांकि कई बड़ी और मशहूर चॉकलेट कंपनियों की शुरुआत 19वीं और 20वीं शताब्दी हुई है जिनमें कैडबरी, हर्षे, नेस्ले शामिल हैं।

वैलेंटाइन सप्ताह के तीसरे दिन यानी 9 फरवरी को भी चॉकलेट डे होता है, लेकिन वो दिन खासकर प्रेमियों और चॉकलेट को समर्पित है। वैसे चॉकलेट का प्रेम से काफी गहरा ताल्लुक भी है। अक्सर ही प्यार के इज़हार के दौरान चॉकलेट दी जाती है। इसके अलावा बच्चों की तो ये पसंदीदा है ही, अब इसके चाहने वालों की कोई तय उम्र सीमा नहीं रह गई है। आजकल तो जन्मदिन, शादियों या त्योहारों पर भी चॉकलेट लेने देने का चलन हो गया है और इसका एक बड़ा मार्केट बन चुका है। बाजार में हजारों वैरायटी की चॉकलेट मौजूद है और कई तरह के स्वाद भी। रिसर्च में चॉकलेट को मूड लिफ्ट करने और कुछ बीमारियों में राहत देने वाला भी बताया गया है। तो आपके पास चॉकलेट के लिए चाहे जो वजह हो, या न हो तो बेवजह भी इसे खा सकते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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