भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम अपने जीवन में कितने कृतज्ञ हैं। हमें ये जीवन मिला, प्रकृति ने हमें अन्न जल ऑक्सीजन दी, संबंध मिले और ऐसे कितने ही लोग जो जाने अनजाने हमारे जीवन को समृद्ध करते गए। कहीं हम उस सबके प्रति आभार जताना कृतज्ञता ज्ञापित करना भूल तो नहीं जाते। इसी बात को याद कराने के लिए आज विश्व कृतज्ञता दिवस (World Gratitude Day 2022) मनाया जाता है। दुनियाभर में आज के दिन नागरिक, संस्थाएं, संगठन अपनी अपनी तरह से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
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ये साल 1965 की बात है जब हवाई में संयुक्त राष्ट्र की इमारत में एक धन्यवाद डिनर आयोजित किया गया। ये आयोजन वहां के ध्यान केंद्र में हुआ और उस समय ये सुझाव मेडिटेशन शिक्षक और संयुक्त राष्ट्र मेडिटेशन ग्रुप के निदेशक चिम्नोय ने दिया था। उस दौरान जितने लोग वहां मौजूद थे उन्हें भी इस बात की जरुरत महसूस हुई कि अपनी कृतज्ञता जताने के लिए कोई एक विशेष दिन तो होना ही चाहिए और यहीं विश्व कृतज्ञता दिवस मनाने का आधिकारिक प्रस्ताव भी दिया गया। इसके बाद से 21 सितंबर 1966 से दुनियाभर में विश्व कृतज्ञता दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
मनुष्य में विनम्रता एक मूल गुण है। हमारी विनम्रता हमें कृतज्ञ बनाती है और कृतज्ञता अधिक मानवीय। धर्म, अध्यात्म और दर्शन भी हमें कृतज्ञ रहना सिखाता है। हम अपने मूल स्वभाव में निर्दोष और स्वच्छ ही होते हैं। लेकिन दुनियावी प्रपंच और बाध्यताएं कई तरह से प्रभावित करते ही और धीरे धीरे हम अपनी सरलता खोने लगते हैं। लेकिन मूल स्वभाव को बचाए रखना और जीवन में आभार व्यक्त करना जरुरी है। इससे हम भीतर से हल्के होते हैं और संसार के हर कण के महत्व को भी स्वीकार करते हैं। आज का दिन ये याद दिलाने का भी दिन है कि हमारा जीवन प्रकृति और सहचरों के बिना संभवन नहीं है इसलिए समय रहते सभी के प्रति निर्मल मन से कृतज्ञता ज़ाहिर करते रहना चाहिए।