World Hello Day 2022 : हेलो..रोजमर्रा के जीवन में बोला जाने वाला ये सबसे लोकप्रिय और प्रचलित शब्द है। किसी भी बात की शुरुआत अमूमन हेलो से ही होती है। ये ये वो शब्द है जिसे हमारी ज़बान सबसे अधिक दोहराती है। तो ऐसे शब्द को कुछ खास तवज्जो भी दी जानी चाहिए। आज उसी तवज्जो का दिन है..आज वर्ल्ड हेलो डे है। दुनिया भर के 180 से अधिक देशों में ये दिन मनाया जाता है। करीब 31 शांति पुरस्कार विजेताओं ने वर्ल्ड हेलो डे मनाने का समर्थन किया है।
ऐसे हुई शुरुआत
शायद बहुत कम लोग जानते हों कि ऐसा भी कोई दिन मनाया जाता है। वर्ल्ड हेलो डे मनाने की शुरुआत 1973 में हुई थी जब इजरायल और मिस्र के बीच लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष समाप्त हुआ। इसके बाद शांति और मित्रता के लिए उन्होने जिस पहले शब्द का इस्तेमाल किया वो ‘हेलो’ था। तभी से ये दिन मनाने का प्रचलन हुआ। माना जाता है कि हेलो शब्द मित्रता की शुरुआत का प्रतीक है। जब कोई हेलो बोलता है तो उसके बीच की दुश्मनी, कड़वाहट और विषाद खत्म हो जाता है और वो दोस्ती की दुनिया में पहला कदम रखता है। ये ‘हेलो’ इतना खास है कि इस एक छोटे से लफ्ज़ से एक लंबा अबोला भी खत्म हो जाता है।
प्यार ने बनाया ‘हेलो’ को अमर
हेलो बहुत ही कॉमन शब्द है। खासकर फोन उठाते ही सबसे पहले अधिकांश लोग हेलो बोलते हैं। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। कई रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि टेलीफोन का अविष्कारक करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) की प्रेमिका का नाम मार्गरेट हेलो था। उन्होने टेलीफन बनाया तो अपने प्रेम को अमर करने के लिए उसपर पहला शब्द यही उच्चारित किया था। तभी से परंपरा चल निकली और लोग फोन पर सामान्यतया सबसे पहले हेलो ही बोलते हैं। ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक Hello पुराने जर्मन शब्द हाला से बना है जिसका अर्थ होता है ‘कैसे हो।’ बहरहाल आज इस खास शब्द का खास दिन है और इसे मनाने के लिए आइये हम सब भी एक बार कहते हैं ‘हेलो’।