भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है। रेलवे को इंडिया की लाइफ लाइन कहीं जाती है। इसके बिना अब जीवन कोई इमेजिन नहीं किया जा सकता है। ट्रेन में सफर करने के दौरान यात्रा बेहद सुगम और आरामदायक होता है। देश का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क होने के साथ ही इसका इतिहास काफी रोचक रहा है। सफर करने के दौरान अक्सर खूबसूरत नजारों का भी यात्री आनंद लेते हैं। इससे जुड़ी कई इंटरेस्टिंग फैक्ट्स भी जानने का मौका मिलता है। बता दें कि भारत के हर एक कोने से लगभग 1300 से अधिक ट्रेन चलाई जाती है, जो कि लंबे और शॉर्ट रूट के लिए होती है।
रेलवे द्वारा आए दिन नियमों में बदलाव भी किया जाता है। पिछले कई आर्टिकल्स में हम आपको इंडियन रेलवे से जुड़े कई सारे फैक्ट्स बता चुके हैं, लेकिन आज हम आपको दुनिया की सबसे खतरनाक रेल यात्रा के बारे में बताने जा रहे हैं।
200 से अधिक डिब्बे
यह ट्रेन 3 किलोमीटर लंबी है, जिसमें 200 से भी अधिक डिब्बे हैं, लेकिन यह यात्रा बेहद खतरनाक मानी जाती है। यह ट्रेन जो रात की खदानों से अटलांटिक महासागर तक 704 किलोमीटर की यात्रा करती है। इस आयरन ओर ट्रेन ऑफ मॉरिटानिया के नाम से भी जाना जाता है। इस ट्रेन का इस्तेमाल लौह अयस्क को कारखानों और शहर तक पहुंचाने के लिए किया जाता है, जिसे रेगिस्तान से उठाया जाता है और यह रेगिस्तान सहारा है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी लौह अयस्क खदान है।
भारी ट्रेनों में से एक
यह सबसे भारी ट्रेनों में से एक है, जो 3 किलोमीटर लंबी है। यात्रा पूरी करने के दौरान रास्ते में एक भी स्टेशन नहीं पड़ता और ना ही इस ट्रेन का कहीं भी स्टॉपेज दिया गया है। गर्मियों में मॉरिटानिया का तापमान 50 डिग्री के ऊपर चला जाता है। ऐसे में ट्रेन का सफर बेहद खतरनाक और चुनौती भरा हो जाता है। यह ट्रेन 14 घंटे में सफ़र को पूरा करती है, जिसमें एक भी सीट नहीं है और ना ही कोई छत है, फिर भी कुछ स्थानीय लोग इसमें चढ़ जाते हैं व ट्रेन की यात्रा करते हैं।
सबसे खतरनाक ट्रेन
ट्रेन को पहली बार साल 1963 में सहारा रेगिस्तान से चलाई गई थी, जिसे नौआदीबू शहर और अटलांटिक महासागर तक पहुंचाया जाता है। इसे खासकर अयस्क लाने के लिए ही चलाया गया था। इस ट्रेन का संचालन रोज होता है, जिसके हर डिब्बे में 84 टन लौह अयस्क लगा होता है। हालांकि, इसमें यात्रियों को चढ़ाने की इजाजत नहीं होती। फिर भी कुछ स्थानीय लोग इसमें सफर कर लेते हैं। ट्रेन को लगभग दो इंजन खींचते हैं। यह ट्रेन अपने आप में बेहद अनोखा और खतरनाक माना जाता है।





