क्या होता है स्मोकर्स फेस: तंबाकू की जानलेवा आदत के अनजाने पहलू, 7 तथ्य जो आपको चौंका देंगे

तंबाकू की खेती से हर साल लगभग 200,000 हेक्टेयर जंगलों की कटाई होती है। सिगरेट के टुकड़े दुनिया में सबसे अधिक फेंका जाने वाला कचरा हैं, जिनमें 7,000 से अधिक हानिकारक रसायन होते हैं जो जल, मिट्टी और वायु को प्रदूषित करते हैं। सेकेंड-हैंड स्मोक के कारण हर साल लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है। कई लोग ई-सिगरेट को सुरक्षित मानते हैं, लेकिन इनमें भी निकोटीन होता है। तंबाकू कंपनियां युवाओं को आकर्षित करने के लिए आकर्षक पैकेजिंग और फ्लेवर्ड उत्पादों का उपयोग करती हैं, जिससे नई पीढ़ी को नशे की लत लगने का खतरा बढ़ता है।

आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। हम सब तंबाकू और उससे बनने वाले उत्पादों के नुकसान जानते हैं। बावजूद इसके, तंबाकू सेवन को लेकर जिस तरह के आंकड़े सामने आते हैं वो चौंकाने वाले हैं। विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू के सेवन से हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत होती है, जिनमें से 13 लाख लोग पैसिव स्मोकर होते हैं। भारत में भी स्थिति चिंताजनक है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS) 2016-17 के अनुसार, भारत में 28.6% वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक) किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं, जिसमें धूम्रपान और चबाने वाली तंबाकू दोनों शामिल हैं। आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जानते हैं तंबाकू से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो हमें बताएंगे कि क्यों इससे दूर रहना जरूरी है।

तंबाकू से जुड़े खतरनाक तथ्य

1. सिगरेट में रेडियोधर्मी पदार्थ : तंबाकू के पौधे मिट्टी से रेडियोधर्मी पदार्थ जैसे पोलोनियम-210 अवशोषित करते हैं, जो सिगरेट के धुएं में मौजूद होता है। यह कैंसर के जोखिम को और बढ़ाता है..लेकिन लोग इसके बारे में कम जानते हैं और इसकी चर्चा कम होती है।

2. तंबाकू से कीट नियंत्रण : तंबाकू में मौजूद निकोटीन का उपयोग पहले कीटनाशक के रूप में किया जाता था। 19वीं सदी में किसान तंबाकू के अर्क को फसलों पर छिड़कते थे ताकि कीड़ों को भगाया जा सके।

3. तंबाकू और मस्तिष्क की रसायन शास्त्र : निकोटीन हमारे दिमाग में डोपामाइन रिलीज को 100% तक बढ़ा सकता है, जिससे तुरंत आनंद की अनुभूति होती है। यही कारण है कि तंबाकू की लत को छोड़ना हेरोइन जैसी ड्रग्स की लत छोड़ने जितना मुश्किल माना जाता है।

4. सिगरेट फिल्टर का भ्रामक सच : सिगरेट के फिल्टर, जो कथित तौर पर हानिकारक रसायनों को कम करने के लिए होते हैं वास्तव में पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं। ये सेलूलोज़ एसीटेट से बने होते हैं जो पूरी तरह से विघटित होने में 10-15 साल ले सकते हैं।

5. कोलेजन उत्पादन पर प्रभाव : स्मोकिंग विटामिन सी के अवशोषण को कम करता है, जो कोलेजन उत्पादन के लिए आवश्यक है। कोलेजन की कमी से त्वचा ढीली और झुर्रीदार हो जाती है। धूम्रपान करने वालों में त्वचा के घाव..जैसे कट या सर्जरी के निशान धीरे भरते हैं। साथ ही सोरायसिस, एकजमा, और मुंहासों जैसी त्वचा समस्याएं बढ़ सकती है।

6. स्मोकर्स फेस : “स्मोकर का चेहरा” एक चिकित्सकीय शब्द है, जो धूम्रपान के कारण त्वचा पर होने वाले खास बदलावों को दर्शाता है। धूम्रपान त्वचा तक ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति को कम करता है, जिसके कारण समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां, और त्वचा का अनहेल्दी रंग दिखाई देता है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन और अन्य हानिकारक रसायन ब्लड वेसल्स को संकुचित करते हैं, जिससे त्वचा की कोशिकाओं तक रक्त प्रवाह बाधित होता है।

7. तंबाकू से स्वाद का नुकसान : तंबाकू का लंबे समय तक सेवन स्वाद ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे भोजन का स्वाद कम महसूस होता है। यह प्रभाव धूम्रपान छोड़ने के बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता।

आज ही छोड़ें तंबाकू की लत

तंबाकू छोड़ना सिर्फ एक आदत को अलविदा कहना नहीं, बल्कि अपने जीवन को फिर से गले लगाना है। हर कश के साथ आप अपने फेफड़ों, दिल और त्वचा को चोट पहुंचाते हैं। लेकिन हर वह पल जब आप तंबाकू को ना कहते हैं तो अपने आप को और अपने प्रियजनों को एक स्वस्थ, सुंदर, खुशहाल जीवन का तोहफा देते हैं। सोचिए.. आपके बच्चे, आपके परिवार, दोस्तों का वो मुस्कुराता चेहरा  जो आपका अच्छा स्वास्थ्य देख खिल उठेगा। इसीलिए “स्मोकर्स फेस” छोड़कर अपनी जवानी, सांस और सपनों को वापस पाएं। आज ही एक सही कदम उठाएं, क्योंकि आपका जीवन अनमोल है और इसे धुएं में उड़ने देना कोई समझदारी नहीं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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