भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day 2022) है। कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। आज का दिन फोटोग्राफी की कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास का एक वार्षिक विश्वव्यापी उत्सव के रुप में मनाया जाता है। कलाओं की फेहरिस्त में फोटोग्राफी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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इतिहास पर नजर डाले तो 9 जनवरी, 1839 को दुनिया की सबसे पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया का आविष्कार हुआ था। फ्रांस में जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर नाम के दो वैज्ञानिकों ने डॉगोरोटाइप नामक प्रक्रिया का अविष्कार किया।फ्रांस सरकार ने इस तकनीक के अविष्कार की घोषणा 19 अगस्त, 1839 में की और इसका पेटेंट लिया। इसी की याद में साल 2010 से आज के दिन विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। इस दिन ऑस्ट्रेलिया के एक फोटोग्राफर ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस दिन को मनाने और इसका प्रचार प्रसार करने का निर्णय लिया। उन्होने ऑनलाइन गैलरी के जरिए अपनी फोटोग्राफ्स लोगों के सामने पेश की जिसे काफी पसंद किया गया।
इस साल वर्ल्ड फोटोग्राफी डे 2022 की थीम ‘लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन (Pandemic Lockdown through the lens)’ है। इसमें ये बात रखी जा रही है कि कोरोना महामारी के दौरान इसे कैमरे की नजर से कैसे देखा गया। दुनियाभर में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और अन्य समय की तस्वीरें कैमरे से कैद कई गई है जो इस समय का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। कई लोगों के लिए फोटोग्राफी शौक होता है तो किसी के लिए जुनून। प्रोफेशनल फोटोग्राफी के भी कई अलग अलग ज़ोन है। आज मोबाइल फोन के कारण हर किसी के पास कैमरा है और सभी इस कला में थोड़ा न थोड़ा हाथ आजमा ही लेते हैं। आज के समय सेल्फी (selfie) लेने का प्रचलन भी तेजी से बढ़ा है। आपको ये रोचक जानकारी भी देते चलें कि सेल्फी की शुरुआत 182 साल पहले हुई थी। हालांकि वो आज की तरह आसान नहीं थी। जानकारी के मुताबिक 1839 में अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली सेल्फी क्लिक की थी। उनकी ये बहुमूल्य सेल्फी आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में सहेजकर रखी गई है।