World’s Most Dangerous Airports : हवाई जहाज का आविष्कार 20वीं सदी की शुरुआत में हुआ था। जिसका पहला सफल उड़ान राइट ब्रदर्स ने 17 दिसंबर 1903 को भरी थी, जो कि अमेरिकी इंजीनियर और पायलट थे। यह उड़ान एयरपोर्ट से करीब 12 सेकंड की थी, जिसमें विमान ने 120 फीट की ऊंचाई तय की थी। दरअसल, इस धरती पर बहुत से प्रकार के लोग रहते हैं। कुछ लोगों को नई-नई चीज एक्सप्लोर करने में ज्यादा अच्छा लगता है, कुछ अपने जीवन को उस मुकाम तक ले जाना चाहते हैं, जहां आखिरी समय में किसी चीज की कोई लालसा न रहे। अपने जीवनकाल में हर एक्टिविटीज को करना चाहते हैं, जो भी पॉसिबल हो। ऐसे में हवाई जहाज का सफर करना भी हर बच्चे-बच्चे का सपना होता है। जब भी एरोप्लेन घर के ऊपर से पार होता है, तो बच्चे अक्सर बाहर निकाल कर या फिर छत पर जाकर उसे देखते हैं और मन में एक सपना बुनते हैं कि मैं भी एक दिन बड़े होकर आसमान के रास्ते अपनी गंतव्य तक जाऊंगा या जाउंगी।
पहले हवाई जहाज को युद्ध के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन धीरे-धीरे लंबी दूरी की यात्रा, इंटरनेशनल बिजनेस और सेना के लिए इसका इस्तेमाल किया जाने लगा। हवाई जहाज का सफर व्यक्ति के समय को बचाता है, लेकिन यह बाकि संसाधनों की अपेक्षा अधिक महंगा होता है। इसलिए हर कोई इसमें सफर करने से पहले 10 बार सोचता है।
उड़ान भरने में छूट जाते हैं पसीने
एक देश से दूसरे देश में जाने के लिए हवाई जहाज से यात्रा करना पड़ता है। एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद जब बादलों से नीचे देखना बहुत ही अलग नजारा होता है। भारत में इंटरनेशनल सहित डॉमेस्टिक एयरपोर्ट भी है, जिन्हें और अधिक विकसित बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अक्सर एयरपोर्ट को ऐसी जगह पर बनाया जाता है, जहां बड़े-बड़े हवाई जहाज को आसानी से उतारा जा सके। इसके आसपास काफी बड़ा और खाली मैदान हो, लेकिन आज हम आपको ऐसे एयरपोर्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाने से पहले पायलट भी काफी सोच-विचार करते हैं, जिन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट माना जाता है।
कुल्लू एयरपोर्ट
सबसे खतरनाक एयरपोर्ट की लिस्ट में इंडिया का नाम भी शामिल है। जिसका नाम भुंतार हवाई अड्डा है, जो कि कुल्लू एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यहां केवल 3,566 फीट का एक रनवे है। ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित घाटी में इस एयरपोर्ट पर बहुत सी चुनौतियां का सामना करना पड़ता है। इसी कारण पायलट को आसपास के इलाके में घूमने में काफी ज्यादा कठिनाई होती है, इसलिए यह एयरपोर्ट सबसे खतरनाक एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल है।
तेंजिंग-हिलरी एयरपोर्ट
“द मोस्ट डेंजरस एयरपोर्ट” की लिस्ट में नेपाल का तेंजिंग-हिलरी हवाई अड्डा भी शामिल है, जिसे माउंट एवरेस्ट एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह एयरपोर्ट पहाड़ी इलाके में स्थित है। जिस कारण यह काफी खतरनाक माना जाता है। यहां बहुत ही एक्सपीरियंस पायलट ही उड़ान भर पाते हैं, इसलिए पायलट इस एयरपोर्ट का नाम सुनते ही सौ बार पहले सोचते हैं।
कोर्टशेवेल अल्टिपोर्ट एयरपोर्ट
उसके बाद फ्रांस का कोर्टशेवेल अल्टिपोर्ट एयरपोर्ट सबसे खतरनाक हवाई अड्डे की लिस्ट में शामिल है, जो कि 6,588 फीट ऊंचाई पर स्थित है। यहां पायलट को उड़ान भरने में काफी जोखिमों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यहां का रनवे केवल 1,762 फीट का है। यह काफी ज्यादा खतरनाक माना गया है।
बार्रा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
इसके अलावा, स्कॉटलैंड भी दुनिया की सबसे खतरनाक हवाई अड्डे की लिस्ट में शामिल है। दरअसल, बार्रा द्वीप के उत्तर में स्थित बार्रा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का एकमात्र ऐसा एयरपोर्ट है, जहां सीधे समुद्र तट पर उड़ान और लैंडिंग होती है। हालांकि, प्लेन की लैंडिंग और टेकऑफ देखने में काफी ज्यादा अच्छी होती है, लेकिन यह उतना ही खतरनाक होता है। यहां पायलट के साथ-साथ पैसेंजर्स भी काफी डरे हुए रहते हैं। यह इलाका आए दिन ज्वार-भाटा के कारण काफी ज्यादा इफेक्टिव रहता है। लोग यहां से सफर करने में काफी ज्यादा कतराते हैं।
स्किथोस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट
ग्रीस का स्किथोस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी काफी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। यह यूरोप का सबसे छोटा रनवे है। जिसका निर्माण साल 1972 में किया गया था। यहां जाने से पहले पायलट 10 बार सोचते हैं। क्योंकि उड़ान भरना काफी मुश्किल और जोखिम भरा होता है। ऐसे में केवल अनुभवी पायलेट्स कि यहां पर उड़ान भरने को तैयार होते हैं।