Yamraj Temple: हिमाचल प्रदेश में स्थित है यम देव का अनोखा और इकलौता मंदिर, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

यमराज हिंदू धर्म में मृत्यु के देवता के रूप में माने जाते हैं। उन्हें यमराज अथवा धर्मराज भी कहा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वो मनुष्यों की आत्माओं को मृत्यु के बाद के दूसरे लोक में ले जाते हैं।

Sanjucta Pandit
Published on -

Yamraj Temple : हमारे देश में एक से बढ़कर एक अनोखी चीज हैं। जरूरी नहीं की हर एक चीज के बारे में हर किसी को जानकारी हो। ऐसी ही एक जगह के बारे में आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे। इसके बारे में शायद ही कुछ लोगों को पता हो। दरअसल, आज हम आपको यमदेव का अनोखा और इकलौता मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर को यमराज का मंदिर या फिर धर्मराज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं विस्तार से…

Yamraj Temple: हिमाचल प्रदेश में स्थित है यम देव का अनोखा और इकलौता मंदिर, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

यमराज मंदिर

दरअसल, यमराज हिंदू धर्म में मृत्यु के देवता के रूप में माने जाते हैं। उन्हें यमराज अथवा धर्मराज भी कहा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वो मनुष्यों की आत्माओं को मृत्यु के बाद के दूसरे लोक में ले जाते हैं। वे धर्म के अनुसार जीवों के कर्मों का फल देते हैं और उन्हें स्वर्ग या नरक की यात्रा पर भेजते हैं। उनका नाम सुनते ही लोगों के मन में डर का भाव उत्पन्न हो जाता है और यही कारण है कि लोग इस मंदिर में भी जाने से बहुत कतराते हैं। बता दें कि यह मंदिर अपने आप में बहुत सारे रहस्यों से भरा हुआ है। स्थानीय लोगों की ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा सबसे पहले इसी मंदिर में आती है, जहां पर उनके कर्मों के हिसाब से यह तय किया जाता है कि उन्हें स्वर्ग मिलेगा या नरक। ऐसे में लोगों के अंदर होना भी स्वभाविक है।

चंबा जिले में स्थित

अगर आप इस मंदिर में जाना चाहते हैं, तो आपको हिमाचल के चंबा जिले जाना पड़ेगा क्योंकि यह मंदिर चंबा जिले के भरमौर में स्थित है। बता दें कि यह मंदिर देखने में बहुत छोटा है, लेकिन इस छोटे से घर में यमराज का इकलौता मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी में माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि चंबा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। इस मंदिर में जाने पर आपको एक खाली कमरा भी दिखेगा, जिसे चित्रगुप्त का कमरा कहा जाता है। इसे लेकर ऐसी मान्यता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो यम के दूत आत्मा को चित्रगुप्त के पास ले जाते हैं, जहां वह उस व्यक्ति की आत्मा के कर्मों का लेखा-जोखा होता है। जिसके बाद उन्हें यमराज के पास ले जाया जाता है और फिर वहां से इसी आधार पर आगे का फैसला लिया जाता है।

मंदिर में 4 द्वार

इस मंदिर में चार द्वार है और सभी तांबा, लोहा, सोना और चांदी से बने हुए हैं। यहां की आकर्षक नकाशी लोगों को अपनी तरफ तो आकर्षित करती है, लेकिन उनके मन में डर भी बहुत रहता है क्योंकि इस मंदिर में इंसान के पाप और पुण्य का ब्यौरा तय किया जाता है। इस मंदिर को लोग दूर-दराज से देखने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन वह डर के मारे बाहर से ही हाथ जोड़कर चले जाते हैं।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News