मोमोज खाने के शौकीन हैं आप तो हो जाएं सावधान, झेलनी पड़ सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

Shashank Baranwal
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Momos Side Effects

Momos Side Effects: स्ट्रीट फूड काफी लोगों का पसंदीदा होता है। लोग बड़ी दिलचस्पी के साथ खाना पसंद करते हैं। जिनमें से एक मोमोज भी है। जो कि आज के समय में लोग ज्यादा खाना पसंद कर रहे हैं। हर उम्र के लोग चाहे वह बड़े हों या बच्चे सभी इसको बड़े चाव के साथ खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है मोमोज खाना आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। मोमोज खाने से कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती हैं। साथ ही इसकी तीखी चटनी कई समस्याओं को पैदा करने का काम करती है। आइए जानते हैं कि मोमोज खाने से कौन कौन सी बीमारियां सामने आती हैं।

पाचन

ज्यादा मोमोज का सेवन आपकी पाचन क्षमता के लिए नुकसानदायक होती हैं। मोमोज मैदे का बना होता है जो कि आंत में चिपकने का खतरा रहता है। जिसके कारण कब्ज जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। वहीं इसके सेवन से पेट संबंधी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज

मोमोज का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ने का डर रहता है, क्योंकि मोमोज मैदे का बना हुआ होता है। जो कि डाबिटीज को बढ़ाने का काम करता है। इसके खाने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।

हार्ट की समस्या

मोमोज का सेवन करने से हार्ट की समस्याएं हो जाती हैं। इसके कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि मोमोज ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करती है।

हड्डियां

मोमोज का ज्यादा सेवन आपकी हड्डियों को कमजोर बनाने का काम करती है। मोमोज शरीर में मौजूद कैल्शियम को सोखने का काम करती है। जिसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती है।

बवासीर

मोमोज का खाने से बवासीर की भी समस्या पैदा होती है। मोमोज के साथ खाई जाने वाली तीखी चटनी बवासीर होने का खतरा बढ़ा देती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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