डेस्क रिपोर्ट। अंकशास्त्र यानि भाग्यांक, आपकी जिंदगी का वह नंबर या अंक जो आपके जीवन पर प्रभाव डालता है, यानि वह आँख जो आपके भविष्य में आपकी तरक्की, सफलता, असफलता तय करता है, हमने आपको भाग्यांक 1 के बारे में बताया, अब बात करेंगे भाग्यांक 2 के बारे में। भाग्यांक 2 का विशेष महत्त्व है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 और 29 को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा और आप जीवनभर दो अंक से किसी न किसी रूप में अवश्य ही प्रभावित होते रहेंगे।
भाग्यांक जाना कैसे जाये –
भाग्यांक निकालने के लिए सबसे पहले व्यक्ति की जन्म तारीख, माह और सन् लिखा जाता है और फिर उनका योग किया जाता है। जैसे यदि आपकी जन्म तारीख, माह व सन 2-3-1970 है तो आपका भाग्यांक 2+3+1+9+7+0 =22 = 2+2 = 4 होगा। यानि इस पूरी डीटेल्स के लिए भाग्यांक 4 होगा।
भाग्यांक 2 का निर्धारित ग्रह
अंकशास्त्र में मूलांक दो के लिए निर्धारित स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मन का कारक है। चंद्रमा मनसो जातः। चन्द्रमा हमारे अंतर्मन में उठाने वाले सुख -दुःख की भावनाओं का संचालन करता है। यही कारण है की कुंडली में अशुभ चंद्रमा हमें मन को व्यथित और बात-बात में परेशान करता है। मानसिक बीमारियां तथा मन के उलझन का कारण भी तो चंद्रमा ही है। हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या ख़राब है इसका प्रथम फैसला तो मन ही करता है हां यह भी सही है कि यदि आपके कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में है आपका मन सुविचारो को जन्म देता है। परन्तु यदि चंद्रमा अशुभ स्थिति में है तो कुविचारों, कुदृष्टि को जन्म देता है इसमें कोई संदेह नहीं है। अतः यह स्पष्ट है की चंद्रमा की शुभता और अशुभता हमारे जीवन यात्रा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
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मूलांक दो वाले व्यक्ति का स्वभाव
यदि आप दो मूलांक वाले व्यक्ति है तो आपका मन अस्थिर तथा चंचल होता हैं। आप निरन्तर कुछ पाने के लिए कार्य करते रहते है। चाहे कोई भी विषय हो आप उसके मूल तक जाने का प्रयास करते है परन्तु सातत्य के अभाव में बीच में छोड़ देते है। हमेशा अपने मन रुपी बुद्धि का इस्तेमाल करना आपकी फिदरत है ऐसा जान पड़ता है। आप कल्पना शक्ति के धनी है। तन से ज्यादा आपका मन काम करता है। आप मन और बुद्धि का इस्तेमाल हर समय करते है इसलिए आप बुद्धिमान की श्रेणी में गिने जाते हैं। इस मूलांक के व्यक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं। आप सरल, सुशील, सभ्य, सहृदय तथा मृदुभाषी होते हैं। यदि कहा जाए कि भावुकता आप की पहचान है तो गलत नहीं होगा। आप कोमल स्वभाव के होते हैं। मूलांक दो वाले लोग सहिष्णु, कल्पनाशील, कलात्मक,प्रवृत्ति और रोमांटिक होते है। आपकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छी है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से आगे निकल जाते हैं। एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं।
पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन
आपके पारिवारिक जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहेगी जिसका मुख्य कारण होगा उचित समय पर उचित फैसला न लेना। अक्सर यह देखा गया है की मूलांक २ वाले जातक का जन्म स्थान जरूर छूट जाता है। ऐसे लोग अपने संयुक्त परिवार से अलग हो जाते है। आपके दाम्पत्य जीवन में भी दिक्कत आती है। कम उम्र में बहुत कम ही शादी होते हुए देखा गया है। आप प्यार के बंधन में बंध सकते है। शादी के तीन-साल बाद दाम्पत्य जीवन में समस्या आती है।
भाग्यांक 2 वालों की विशेषता
बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेना आपके लिए प्लस पॉइंट है। आप की प्रवृत्ति सहज, सहृदय, सुशील और मृदुभाषी होती है। आप के अंदर दुसरे के अंतर्मन को शीघ्र ही जान लेते है। आप में स्पष्ट बोलने की शक्ति है। सामाजिक कार्यो से आपका लगाव रहता है सेवा भावना से काम करने में आप अपने आप को गौरवान्वित महशुस करते हैं।
भाग्यांक 2 वालों की शिक्षा
आप शैक्षणिक योग्यता उत्तम होगा। दो मूलांक वाले व्यक्ति की पढाई में व्यवधान आते हुए देखा गया है कई बार पढाई बीच में ही छूट जाती है। इसका मुख्य कारण है एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होना। आप कमाने के चक्कर में पढाई छोड़ सकते है। इक्कीसवाँ साल पढाई के लिए महत्त्वपूर्ण होगा। साहित्य संगीत की पढाई में आपकी अधिक रूचि होनी चाहिए। यदि आप पेंटिंग का कार्य करते है तो सफलता प्राप्त कर सकते है
भाग्यांक 2 वालों का कार्यक्षेत्र
आप नौकरी और व्यापार दोनों तरह के काम कर सकते है। आप को वैसे कार्य में विशेष सफलता मिलेगी जिसमे कूटनीति का प्रयोग होता हो अर्थात आप एक अच्छे सलाहकार हो सकते है। मूलांक 2 वाले लोग निम्नलिखित कार्य करे तो अपार सफलता मिलती है यथा — कवि, अभिनेता, अध्यापक, लेखक, रिपोर्टर पब्लिशर इत्यादि। आप एक अच्छे एजेंट की भूमिका निभा सकते है।
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भाग्यांक 2 वालों का स्वास्थ्य
मूलांक 2 वाले जातक कफ प्रकृति के होते है। आप को अपने पेट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। गैस्ट्रिक, ब्लड प्रेशर तथा हृदयाघात की बिमारी हो सकती है। बाए आँख में परेशानी आ सकती है। जीवन काल में कोई न कोई ऑपरेशन की स्थिति बनेगी और ऑपरेशन कराना भी पड़ेगा। 40 वर्ष के बाद निरन्तर जांच कराते रहना चाहिए।
भाग्यांक 2 वालों की कमजोरी
कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से आप बीच में ही कार्य छोड़ने देते है। आपमें आत्मविश्वास कि कमी होती है। कार्य के प्रति उतावलापन बहुत होता है परन्तु निरन्तरता नहीं। आप अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है,आप बहुत जल्द निराश हो जाते है। आप स्वभाव से शंकालु हैं।
भाग्यांक 2 वालों के लिए सलाह
आपको चंद्रमा तथा शिव की उपासना करनी चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि तथा मान संम्मान व यश की प्राप्ति होगी। आपके लिए शुभ दिशा वायव्य तथा पश्चिम है। आपके लिए शुभ धातु (Metal) है चांदी | silver.
आपके लिए 1, 9 मूलांक वाले जातक सच्चे मित्र होंगे। आपके लिए शुभ रंग सफेद , पीला, तथा हरा हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।
किसी कार्य को हल्के में लेना सबसे बड़ी कमजोरी है। आप हमेशा अपने माता का आशीर्वाद लेकर ही कोई कार्य प्रारम्भ करे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। गो ग्रास और गो सेवा करना आपके स्वास्थ्य परिवार तथा कार्यक्षेत्र के लिए वरदान है।
आपमें आत्मविश्वास कि कमी होती है अपने आत्मविशवास को बढ़ाये। कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से आप बीच में ही कार्य छोड़ने देते है। अतः नियमित ध्यान योग करके एकाग्रता बढ़ाये। कोई कार्य प्रारम्भ करने से पहले पूरा करने के लिए समय का निर्धारण कर ले। आप अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है यह उचित नहीं है। आप बहुत जल्द निराश हो जाते है। आप अपनी शक करने की आदत छोड़ दे तो बहुत अच्छा रहेगा।