21 वर्षीय लक्षिका डागर ने चुनाव में 8 महिला उम्मीदवारों को चुनाव में शिकस्त दी है। लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में रीजनल अधिकारी हैं। वह अपने परिवार के साथ उज्जैन जिले की तहसील और ग्राम पंचायत चिंतामन जवासिया में रहती है।
उज्जैन के भारतीय इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में मीडिया की पढ़ाई कर चुकी लक्षिका एक स्थानीय न्यूज चैनल में वह एंकरिंग के साथ-साथ जिले के पहले कम्युनिटी रेडियो ‘रेडियो दस्तक 90.8 FM’ में RJ यानी रेडियो जॉकी की भूमिका भी निभाती हैं।
विकास करके चुकाऊंगी गांव का एहसान…
पंचायत चुनाव में इस जीत से गदगद लक्षिका ने कहा, “मैं सभी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. पूरे गांव ने मुझे इतना आशीर्वाद और प्यार दिया है कि मैं उसके लिए हमेशा आभारी रहूंगी। मैं यह एहसान गांव का विकास करके चुकाना चाहूंगी। किसानों की मुख्य समस्या यही होती है कि जंगली पशु उनकी फसलों को बर्बाद कर देते हैं। वहीं, बारिश और ओले से भी फसलें खराब हो जाती हैं, ऐसे में किसानों का कुछ ऋण मुक्त कर पाऊं तो अच्छा रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके कार्यकाल में सभी की समस्या सुनी जाएगी और उसका समाधान भी किया जाएगा। पहले पंचायत भवन कभी खुला नहीं रहता था, लेकिन अब खुला रहेगा। लक्षिका ने कहा, “इन 5 सालों में इतना बदलाव ला दूंगी कि आगे जब भी कोई दूसरा सरपंच बने, तो लोग उससे बोलें कि लक्षिता जैसा काम करना।”