सागर में सीएम से मिलने पहुंचे दिव्यांग को पुलिसकर्मी ने मारा थप्पड़, कार्यक्रम से बाहर फेंका

katni

सागर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (indore)  में बुजुर्गों के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था, वहीं दूसरी तरफ सागर (sagar) जिले में एक दिव्यांग (handicapped) के साथ पुलिस कर्मी (police personnel) द्वारा मारपीट  और बदसलूकी (misbehaved)   का मामला प्रकाश में आया है।

यह पूरा मामला सागर के सदर क्षेत्र का है, जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के कार्यक्रम के दौरान पुलिसकर्मियों ने एक दिव्यांग को पहले तो मारा फिर उसके साथ दुर्व्यवहार कर उसे कार्यक्रम से बाहर फेंक दिया। दिव्यांग अपनी पत्नी के साथ अपनी समस्या लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से मिलने पहुंचा था। इसी दौरान पुलिसकर्मी पर उसकी नजर पड़ी तो पहले तो उसे थप्पड़ मारा गया (slapped) और उसके बाद कार्यक्रम से उसे उठाकर बाहर फेंक दिया गया, जिसकी शिकायत दिव्यांग में कैंट थाना पहुंचकर दर्ज कराई।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।