ग्वालियर, अतुल सक्सेना
शहर के एक नाबालिग ने अपने इंटरनेट दोस्तों की मदद से वेदेशियों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया। ठगी का ये कारोबार इंटरनेट के माध्यम से चल रहा था।पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल संप्रैक्षण गृह भेज दिया है जबकि इसके दो साथी राजस्थान और हरियाणा से ट्रेस किये गए हैं, जबकि अन्य साथियो की तलाश जारी है।
महंगा शौक करना कभी कभी इंसान को अपराधी भी बना देता है इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के वायु नगर में। जहाँ एक नाबालिग अपने शौक के चलते शातिर साइबर ठग बन गया। सीएसपी महाराजपुरा रवि भदौरिया के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से एमेजन, फ्लिपकार्ट, मंत्रा जैसी ई कॉमर्स कंपनियों के डिलेवरी बॉय वायु नगर के एक घर में लगातार आ रहे थे। क्षेत्र के लोगों ने सूचना। दी कि वायु नगर के इस घर में रहने वाले एक नाबालिग के रहने का ढंग भी बदल गया था वो रेबेन के महंगे चश्मे, एप्पल , एम आई के महंगे फोन, विदेशी डियो, स्प्रे, ब्रांडेड कंपनी के कपड़े पहनने लगा। हाल ही में उसने बहुत महंगा AC लगवाया और लगजरी फर्नीचर भी खरीदा। सामान्य परिवार के लड़के के एक दम बदले रहन सहन की खबर पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने निगरानी की तो चौंकाने वाली बात सामने आई।
सीएसपी भदौरिया ने बताया कि नाबालिग ने अपने इंटरनेट दोस्तों के साथ मिलकर एक इंटरस्टेट ग्रुप साइबर हॉक के नाम से बनाया । फिर इन लोगों ने बिट कोईन और बीटीसी की खरीदी की । वर्चुअल करेंसी खरीदने के बाद इन लोगों ने डार्कनेट (इंटरनेट पर मौजूद चोर बाजार जो लोगों के गोपनीय डाटा बेचता है) पर जाकर इंटरनेशनल कस्टमर के क्रेडिट कार्ड डाटा खरीदा। इन ग्रुप(गिरोह) ने अमेरिका, चीन, फ्रांस सहित दुनिया के अलग अलग देशों के ऐसे कस्टमर चुने जो क्रेडिट कार्ड से महंगी चीजें खरीदते हैं और बार बार खरीदते हैं। पुलिस के मुताबिक नाबालिग के पास से करीब 100 क्रेडिट कार्ड बरामद हुए हैं जिनसे ऑन लाइन खरीदी की गई। अंदाजा लगाया जा रहा है कि नाबालिग ने करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये के सामान की खरीदी की है। पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। सीएसपी ने बताया कि गिरोह से जुड़े दो सदस्य ट्रेस किये गए हैं एक राजस्थान का है जबकि दूसरा हरियाणा का है। पुलिस ने बताया कि ये लोग बड़े ही शातिर ढंग से इस इंटरनेशनल साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे। ये फर्जी आईडी बनाकर ठगी कर रहे थे। जल्दी ही पूरा गिरोह पकड़ में आ जायेगा।