Installation of smart meters: विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली बिलिंग में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत, जब भी स्मार्ट मीटर के तीन बिलिंग साइकिलों में मीटर की मैक्सिमम डिमांड स्वीकृत लोड से अधिक होती है, तो उसे मिनिमम लोड में कनवर्ट कर दी जाएगी और उसी लोड के आधार पर बिलिंग होगी। इससे उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
नए नियमों के अनुसार, आयोग ने कहा है कि नए फाइनेंसियल ईयर के पहले महीने से ही इस नई व्यवस्था के आधार पर बिलिंग होने लगेगी। इसमें उपभोक्ता को सूचित करने के लिए केवल मोबाइल संदेश भेजा जाएगा। उपभोक्ता को इस बदलाव की सूचना मिलने के बाद एग्रीमेंट करना होगा, और इसका खर्च उपभोक्ता को ही उठाना होगा।
जानकारी के मुताबिक अगर किसी स्मार्ट मीटर वाले यूजर का बिजली बिल स्वीकृत लोड 1 किलोवाट के आधार पर आ रहा है। साथ ही उस साल भर में तीन बिलिंग साइकिल से उसके मीटर का लोड 1.2 किलो वाट, 1.3 किलोवाट और 1.4 किलो वाट तक पहुंच जाता है तो अब नए नियम के अनुसार नए वित्त वर्ष के पहले महीने से ही मतलब अप्रेल माह का जो बिल आएगा उसमें बिलिंग की प्रक्रिया 1.2 किलोवाट के रूप में बढ़ जाएगी। यानी आपके मीटर का लोड अपने आप अधिक हो जाएगा।
बिजली बिलिंग नियमों में स्मार्ट मीटर परिवर्तन के बाद होगा बदलाव
विद्युत नियामक आयोग के नए नियमों के अनुसार, स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिलिंग में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। विद्युत नियामक आयोग ने स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली बिलिंग के नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इसके बाद से उपभोक्ता की जेब पर इसका असर पड़ेगा जिससे उपभोक्ताओं को बिजली बिल का ज्यादा पैसा देना पड़ सकता है।
उपभोक्ताओं पर बुरा असर
यह नए नियम सभी उपभोक्ताओं पर प्रभावी होंगे, और इससे उपभोक्ता की जेब पर बुरा असर पड़ सकता है। एक बार फिर जनता को इससे बिजली का अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। नए नियमों के अनुसार, जब भी उपभोक्ता का लोड बढ़ता है, तो उसे उस बढ़े हुए लोड के आधार पर चार्ज देना होगा। हालांकि इसके साथ ही, स्मार्ट मीटर लगाने से पहले की अवधि के लिए कोई पेनाल्टी नहीं होगी।
उपभोक्ता को इस बदलाव की सूचना सिर्फ एक मैसेज के रूप में मिलेगी और उसे नए लोड के लिए एग्रीमेंट कराना होगा। इसे अच्छे से समझकर ही एग्रीमेंट करना होगा।