2 साल बाद आईएएस को शो कॉज नोटिस, एसडीएम को बंधक बनाने का था आरोप

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आईएएस अधिकारी शीलेंद्र सिंह के खिलाफ तत्कालीन कमिश्नर की रिपोर्ट को आधार बनाकर शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। उन पर दो साल पहले कलेक्टर रहते हुए अपने अधीनस्थ एसडीएम को बंधक बनाने का आरोप था।

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विधानसभा में अतारांकित प्रश्न के जवाब में बीजेपी विधायक सीताशरण शर्मा ने सवाल किया था कि क्या अगस्त सितंबर 2019 में होशंगाबाद के तत्कालीन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच विवाद की जांच नर्मदा पुरम संभागायुक्त द्वारा की गई थी? यह भी पूछा गया था कि क्या आयोग की जांच रिपोर्ट में कलेक्टर द्वारा एसडीएम को रात 3 बजे तक घर पर रोका जाना, गेट गार्ड के कथन और वीडियो क्लिप के आधार पर वाहन को कलेक्टर बंगले पर रखवा लिए जाने का आरोप प्रमाणित पाया गया था? और यदि यह आरोप सत्य हैं तो क्या शीलेंद्र सिंह कदाचरण के दोषी हैं? सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री पर होने के नाते इसका उत्तर भी मुख्यमंत्री की ओर से आया और बताया गया कि आयुक्त नर्मदा पुरम संभाग के जांच प्रतिवेदन दिनांक 15 सितंबर के आधार पर शीलेंद्र सिंह तत्कालीन कलेक्टर होशंगाबाद के विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन व अपील नियम के अंतर्गत 30 नवंबर 2021 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।

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दरअसल सारा मामला 13 सितंबर 2019 का है जब होशंगाबाद के तत्कालीन कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच विवाद सामने आया था। एसडीएम ने आरोप लगाया था कि कलेक्टर ने उन्हें रात 12 बजे घर पर बुलाया और उनका वाहन छीन लिया और 3 घंटे तक उन्हें बंगले में बंधक बनाकर रखा। इस पूरे विवाद के पीछे की वजह रेत का अवैध उत्खनन सामने आया था। दरअसल कुलामणि रेत स्टॉक के लिए खनिज पोर्टल गुरुवार रात तक चालू था जबकि सरकार में इसे शाम को ही बंद कर दिया था। रात में स्टॉक पर एसडीएम जब वहां पहुंचे थे तो उन्हें 50 डंपर खड़े मिले थे और कार्रवाई के लिए जब उन्होंने खनिज अफसरों को बुलाना चाहा तो कलेक्टर ने उन्हें बंगले पर बुला लिया जहां दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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