आगर मालवा। गिरीश सक्सेना।
आगर मालवा जिला मुख्यालय पर शहर की घनी आबादी के बीच स्थित शराब की दुकान को बंद कराने को लेकर महिलाओं ने आंदोलन छेड़ दिया है। आगर के वार्ड क्रमांक 15 की महिलाओं ने आज जबरजस्ती वार्ड की अनुमति प्राप्त देशी शराब की दुकान पर बैठे शराबियों को भगाते हुए मदिरा दुकान के शटर को बंद कर दिया।
वार्ड की महिलाओं के इस आक्रमक रवैये से हैरान परेशान जिला प्रशासन ने अब 31 मार्च तक रहवासी क्षेत्र में स्थित इस देशी मदिरा की दुकान को बंद करने का आश्वासन इन आन्दोलत महिलाओं को दिया है। इसके पूर्व वार्ड में रहने वाली इन महिलाओं द्वारा वार्ड के भाजपा पार्षद मनीष सोलंकी के साथ कलेक्टर कार्यालय जाकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया गया था जिसमे महिलाओं ने शासन प्रशासन को घेरते हुए आरोप लगाया था कि वे पिछले कई वर्षों से इस दुकान को बंद कराने के लिए आवेदन देती आ रही है पर कभी किसी ने उनकी इस मांग पर ध्यान नही दिया जिसके चलते घनी आबादी और शहर के मध्य स्थित इस देशी शराब दुकान पर सुबह से देर रात तक असामाजिक तत्वो का जमावड़ा लगा रहता है।
शराब के नशे में शराबी अक्सर आपस मे लड़कर गाली गलौच करते रहते है तो कई बार वहां रहने वाली और रास्ते से निकल रही महिलाओं के साथ अभद्र हरकते भी कर देते है। महिलाओं के इस आंदोलन के बाद प्रशासन ने हालांकि 31 मार्च तक दुकान बंद करने का आश्वासन दे कर आन्दोलत को हाल फिलहाल शांत तो करा दिया है पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जनकल्याण के लिए बनाई गई सरकारे और लाखों रुपये वेतन पाने वाले ये अधिकारी इतने संवेदनशील मसले को समय रहते ही क्यो हल नही करते है यदि वे समय पर ही सवेदनशीलता दिखाते हुए उचित कदम उठा ले तो फिर महिलाओ को इस तरह आन्दोलन के लिए मजबूर नही होना पड़ेगा ।