महेश्वर में नर्मदा तट पर किया जाएगा ‘अहिल्या लोक’ का निर्माण, पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी

महेश्वर, जो अपने प्राचीन घाटों, मंदिरों और महेश्वरी साड़ियों के लिए पहचाना जाता है, अब 'अहिल्या लोक' के लिए भी जाना जाएगा। दरअसल ऐतिहासिक नगर महेश्वर में नर्मदा किनारे 'अहिल्या लोक' का निर्माण किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर महेश्वर में नर्मदा किनारे ‘अहिल्या लोक’ का निर्माण किया जाएगा। दरअसल यह परियोजना लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की धरोहर को सहेजने और महेश्वर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभारने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत, महेश्वर को इंदौर-उज्जैन धार्मिक पर्यटन सर्किट का एक नया आकर्षण केंद्र बनाने की तैयारी है।

दरअसल महेश्वर, जो पहले ही अपने प्राचीन घाटों, मंदिरों और महेश्वरी साड़ियों के लिए पहचाना जाता है, अब ‘अहिल्या लोक’ के निर्माण के बाद सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा। हालांकि महेश्वर में पर्यटकों की भीड़ हमेशा लगी रहती है।

मालवा क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई

जानकारी के मुताबिक अहिल्या बाई होल्कर, जिन्होंने मालवा क्षेत्र पर अपनी न्यायप्रिय और विवेकशील शासक के रूप में पहचान बनाई। वहीं उनके शासन और समाजसेवा के कार्यों को न सिर्फ हमारे मध्यप्रदेश में बल्कि पूरे देश में आदरपूर्वक याद किया जाता है। वहीं अब अहिल्या बाई के अप्रतिम योगदान को जीवंत रखने के उद्देश्य से ‘अहिल्या लोक’ का निर्माण किया जा रहा है।

पहले खंड में होगा यह काम

जानकारी के मुताबिक इस खंड में लोकमाता अहिल्या बाई के जीवन को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें उनके इंदौर आगमन, विवाह, शासन की शुरुआत, और उनके धार्मिक कार्यों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस खंड में उनके शासनकाल की महत्वपूर्ण घटनाओं को मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही, अहिल्या बाई के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनाई जाएगी, जिसे एम्पीथिएटर में दिखाया जाएगा। यह फिल्म स्थानीय दर्शकों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनेगी।

दूसरे खंड में होगा यह काम

वहीं इस खंड में महेश्वर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दरअसल यहां भव्य मूर्तियों की स्थापना की जाएगी और एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा, जिसमें अहिल्या बाई से जुड़ी ऐतिहासिक वस्त्र, शस्त्र और अन्य धरोहरों का संग्रह प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अहिल्या बाई की पसंद के अनुरूप बाग-बगीचे भी विकसित किए जाएंगे, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को और निखारेंगे। यह क्षेत्र नर्मदा तट की प्राकृतिक शोभा के साथ-साथ धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News