अलीराजपुर, यतेंद्रसिंह सोलंकी। जिले मे अवेध रेत माफियओ पर शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। दरअसल, 2019 में एक री-पिटीशन में हाई कोर्ट ने जिलों के सभी सीजेएम को कहा था कि ऐसे प्रकरण जो अवैध रेत परिवहन व उत्खनन (illegal sand mining and transportation) के हैं, उनकी समीक्षा कर देखें कि वो धारा 379 में आते हैं कि नही। अब इसे लेकर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने बताया की माइनिंग ऑफिसर से पुलिस विभाग को उन प्रकरणों की सूची दी गई थी जो साल 2020 में अवैध रेत परिवहन व उत्खनन के थे। जिनके केस कलेक्टर न्यायालय में चले थे, ऐसे प्रकरणों की जानकारी उनके द्वारा दी गई थी और आवेदन दिया गया था कि धार 379 आईपीसी के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए। अब उसी के तहत जिले की विभिन्न थाना क्षेत्रों में 18 एफआईआर (FIR) दर्ज की गई हैं, जिनमें लगभग 80 ऐसे प्रकरण है जहां रेत का अवैध उत्खनन व रेत परिवहन हुआ है।
माइनिंग विभाग द्वारा जो सूची मिली है उसमें से 4 डम्पर ट्रक को पुलिस द्वारा जब्त किया गया है और बाकि को जब्त करने का प्रयास जारी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल अलीराजपुर के माइनिंग विभाग पर खड़ा हो रहा है की हाई कोर्ट के आदेश के बाद विभाग जागा और एफआईआर करने का आवेदन दिया। आखिर इसके पहले विभाग क्या कर रहा था, इस सवाल पर माइनिंग विभाग कुछ भी कहने से बचता दिखाई दे रहा है।