दोहरे हत्याकांड के तीन आरोपियों को MP की इस कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत, 2019 की है घटना

Death sentence for murder accused : मप्र के जिला एवं सत्र न्यायालय अलीराजपुर ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए चार साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड के आरोपियों की मौत की सजा यानि फांसी की सजा यानि सजा-ए-मौत सुनाई है, हत्याकांड में चार आरोपी शामिल थे इनमें से एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी , शेष तीन आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुना दी, म्रतल चचेरे भाई थे जिन्हें चारों आरोपियों में बेरहमी से मार दिया था।

पुलिस ने जंगल से बरामद किये थे दो चचेरे भाइयों के शव 

पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास से मिली जानकारी के मुताबिक घटना कट्ठीवाड़ा थाना क्षेत्र में 15 जून 2019 की है, पुलिस को चोरधा के जंगल में जूना कट्ठीवाड़ा निवासी वेस्ता रजवट पुत्र रेमला धानुक और राजू पुत्र रामसिंह धानुक के शव मिले थे। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जब विवेचना में लिया तो जांच में सामने आया कि वेस्ता रजवट एक युवती को भगाकर ले आया था जिसका बदला लेने के लिए इस घटना को युवती के पिता ने अपने साथियों के साथ अंजाम दिया।

चार आरोपियों में मिलकर दिया था घटना को अंजाम 

पुलिस जांच के मुताबिक युवती के पिता इडला पुत्र जंगलिया, सुरेश पुत्र इडला, इंदरसिंह पुत्र हेमता, अर्जुन उर्फ पारीक पुत्र नजरू सभी निवासी ग्राम रजवट ने पंचायत में समझौते की बात कहकर दोनों को ग्राम कवछा में बुलाया। जैसे ही वेस्ता और राजू पहुंचे वहां पहले से तैयार चारों आरोपियों ने दोनों की धारदार हथियारों से निर्ममता से हत्या कर दी और शवों को चोरधा के जंगल में फेंक दिया।

चार साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा 

जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया और 22 जून 2023 को जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया, प्रकरण की सुनवाई के दौरान आरोपित इडला की ताड़ के पेड़ के नीचे दबकर मौत हो गई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अब आरोपियों को दोषी पाते हुए 120बी के अपराध के लिए आजीवन कारावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदंड और हत्या के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News