अलीराजपुर : एसडीएम को प्रदेश सरकार के इस फैसले का मजाक उठाना पड़ा महंगा, नोटिस जारी कर जवाब माँगा

Amit Sengar
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अलीराजपुर, यतेन्द्र सिंह सोलंकी। जिले की एसडीएम को प्रदेश सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाना महंगा पड गया है। क्योंकि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है वहीं जिले की एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने फैसले को लेकर फेसबुक पर सवाल उठाना अब उनके लिए महंगा पड़ता दिख रहा है। उनकी यह पोस्ट फेसबुक पर वायरल हो रही है। जिसको लेकर कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देश पर एसडीएम को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। इतना ही नहीं इस पोस्ट का परीक्षण भी प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।

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हम आपको बता दें कि एसडीएम की आईडी से की गई पोस्ट में लिखा गया था-’मेरे तो एक बात अब तक पल्ले ही न पड़ी कि कोरोना को कैसे पता चलता होगा कि रात के 11 बज गए तो बाहर निकलना है। सुबह के पांच बजते ही बिल में दुबकना है। बात तो सोचने वाली है न। आपको पता चल जाए तो प्लीज मुझे भी बताना। ‘इस पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट भी किए हैं। एक यूजर ने लिखा है कि सरकार का अंग होने के बाद भी इतनी कड़वी सच्चाई लिख देती हैं यह हिम्मतवाली अफसर। कुछ अन्य यूजर सिस्टम को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

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दरअसल, प्रशासन के अनुसार एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जिसमें पूछा गया है कि यह पोस्ट आपके द्वारा किया गया है अथवा नहीं। यदि हां तो इसके पीछे क्या मंशा रही। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। यह पोस्ट यहां इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रही है। कुछ लोग कह रहे हैं कि प्रशासनिक अफसर ने राज्य सरकार के निर्णय का मजाक उड़ाया है।

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अपर कलेक्टर सी एल चनाप का कहना है कि जांच परिणाम के बाद अगली कारवाई की जायेगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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