अलीराजपुर, यतेंद्रसिंह सोलंकी। जिले के आदिवासी विकास विभाग में एक आदेश आने के बाद से हंगामा मच गया है। दरअसल, आयुक्त आदिवासी विकास विभाग मप्र शासन के एक पत्र ने खलबली मचाई है, जिसमें उन्होने 12 अधिकारियों-कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
ये मामला वर्ष 2011 से 2017 के बीच उदयगढ़ ब्लाॅक में तत्कालीन लेखापाल द्वारा 13 करोड़ से ज्यादा के गबन का है। जानकारी के अनुसार उक्त लेखापाल के साथ अन्य अधिकारी भी शामिल रहे थे, लेकिन उस समय जाॅच दल ने उक्त लेखापाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। वहीं जब वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में बारीकी से जाॅच की तो इसमें तत्कालीन बीईओं से लेकर अन्य अधिकारियों के भी शामिल
होने के का खुलासा हुआ। जिसके बाद यह आदेश जारी हुआ। आपको बता दें कि इसमें 3 बीईओ, 3 व्याख्याता, 2 लेखापाल, 1 उच्च श्रेणी शिक्षक और 1 सहायक ग्रेड-2 का कर्मचारी शामिल हैं।
इस मामले पर अलीराजपुर के आदिवासी विकास विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त का कहना है कि वर्ष 2018 में ऑडिट हुआ था जिसमें पाया गया था कि जो बिल है उसमें कहीं न कहीं वित्तीय अनियमितताए हैं जो कि लगभग 13 करोड़ की हैं। और जो पैसे हैं वो डीडीओ द्वारा मनमर्जी से निकाले गए हैं। जिसके बाद ये रिपोर्ट कमिश्रर को भेजी
गई ओर उन्होने जाॅच के आदेश दिए। उन्होने कहा कि तत्कालीन लेखापाल पर तो कार्यवाही कर उसे जेल भेज दिया है वहीं अभी 2 दिन पहले आयुक्त से पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें 12 अधिकारियों-कर्मचारियों जो की उदयगढ़ खण्ड शिक्षा कार्यालय पर विभिन्न पदों पर पदस्थ थे, उनके ऊपर कार्यवाही के निर्देश मिले है। वरिष्ठ कार्यालय से जाॅच रिपोर्ट मंगवा रहे हैं, जैसे ही जाॅच रिपोर्ट आ जाएगी हम वैसे ही थाने को अवगत कर इन लोगों पर सख्त कार्यवाही करवाएंगे।